28 अक्टूबर 2018

हिमाचल प्रदेश में 31 दिसंबर तक पांच हजार अध्यापकों की भर्ती



प्रदेश में 31 दिसंबर तक पांच हजार टीचर

प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने सरकार से स्कूलों में पद भरने की मांगी अनुमति, जल्द पूरी होगी कमी

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब दो माह बाद शिक्षकों की कमी नहीं होगी। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सरकार से राज्य में खाली पड़े पांच हजार शिक्षकों के पद भरने के लिए पत्राचार किया है। पत्राचार के माध्यम से विभाग ने मांग की है कि खाली पड़े हजारों शिक्षकों के पद भरने की अनुमति दी जाए, ताकि 31 दिसंबर तक यह कार्य पूरा किया जा सके। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक रोहित जम्वाल ने सरकार को पत्राचार भेजने की पुष्टि की है।



खास बात तो यह है कि अगर राज्य सरकार पांच हजार शिक्षकों के पदों को भरने की अनुमति दे देती है, तो ऐसा पहली बार होगा, जब प्रदेश में दो माह के भीतर हजारों शिक्षकों की नियमों के तहत नियुक्तियां होंगी। सरकारी स्कूलों में होने वाली शिक्षकों की ये भर्तियां विभिन्न कैटेगरी में होगी। विभागीय जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने जेबीटी के 671, टीजीटी के 1100 और सी एंड वी के करीब 2500 से ज्यादा शिक्षकों के पद भरने की मंजूरी मांगी है।




उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पहले 10 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हुए थे। हाई कोर्ट के दबाव में आकर शिक्षा विभाग ने अधिकतर पदों को भर भी दिया है। टीजीटी और जेबीटी शिक्षकों की भर्ती तो अभी भी बैचबाइज और कमीशन के माध्यम से हो रही है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय का दावा है कि प्रदेश में कुछ महीनों से अधिकतर जिलों में शिक्षकों की कमी को दूर कर लिया गया है। उनका कहना है कि मौजूदा समय में प्रदेश में शिक्षकों के पांच हजार ही पद खाली हैं।



वहीं दावा किया जा रहा है कि सरकार इन पदों को भरने के लिए अगर मंजूरी दे देती है, तो जल्द ही खाली पद भरने की कवायद शुरू कर दी जाएगी। सरकारी स्कूलों में ज्यादातर सी एंड वी शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं, जिनमें हिंदी, संस्कृत, ड्राइंग व कई भाषा से जुड़े विषय हैं। बता दें कि सी एंड वी शिक्षकों की भर्ती का मामला कोर्ट में भी चला हुआ है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए थे कि 31 दिसंबर तक राज्य के सरकारी स्कूलों में खाली शिक्षकों के पदों को भरा जाए। सबसे खास बात यह है कि सालों से सरकारी स्कूलों में नियमित शिक्षकों का इंतजार कर रहे छात्रों को राहत मिलेगी। नए साल से सरकारी स्कूलों में हर विषय के नियमित शिक्षक छात्रों को पढ़ाएंगे।


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