आवेदन लिए जाने के समय यह बात उठी थी कि परिषद की अध्यापक सेवा नियमावली में संशोधन नहीं हुआ है। योगी सरकार ने एनसीटीई के निर्देश को मान्य कर दिया है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यानी एनसीटीई नई दिल्ली ने 28 जून, 2018 को अधिसूचना जारी कर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान से शिक्षा स्नातक (बीएड) प्रशिक्षण को मान्यता दी थी। कहा गया कि अध्यापक के रूप में नियुक्त व्यक्ति को प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त होने पर दो वर्ष के भीतर ब्रिज कोर्स पूरा करना अनिवार्य होगा।
इसके पहले सिर्फ बीटीसी प्रशिक्षण पर ही सहायक अध्यापक नियुक्त होते थे। अब दोनों मान्य हैं। यह संशोधन 28 जून, 2018 से ही इसलिए लागू किया गया है, क्योंकि 69000 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया दिसंबर 2018 में शुरू हुई और उसमें एनसीटीई के निर्देश पर बीएड अभ्यर्थियों से भी आवेदन लिए गए। 69 हजार पदों के लिए चार लाख 31 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
अभ्यर्थियों की संख्या तेजी से बढ़ने का कारण बीएड योग्यताधारी ही थे, क्योंकि इसके पहले 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए महज सवा लाख ही आवेदन हो सके थे, उस समय तक बीएड प्राथमिक स्कूलों में मान्य नहीं था। योगी सरकार के इस कदम से 69000 शिक्षक भर्ती में चयन को लेकर अब विवाद नहीं रहेगा।