मंडी का आंकड़ा 564 है जबकि पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के गृह जिले बिलासपुर, लाहौल और किन्नौर जिले के लोगों को एक भी नौकरी नहीं मिली। तीनों जिलों का आंकड़ा शून्य है। कुल्लू में मात्र नौ, सोलन में 21, ऊना में 23 और चंबा जिले में 83 युवाओं को ही रोजगार मिला। हालांकि, रोजगार कार्यालयों के अलावा और भी कई माध्यमों से सरकार नौकरियां देती है।
सरकारी नौकरी पाने वालों में प्रदेश में दूसरे स्थान पर कांगड़ा जिला है। कांगड़ा में एक साल में 381 युवाओं को सरकारी विभागों में नौकरी मिली। तीसरे स्थान पर हमीरपुर में 337 को रोजगार मिला। वहीं, शिमला में 186, सिरमौर में 180 युवाओं को सरकार ने काम दिया। वहीं, सोलन में 21, ऊना में 23, चंबा में 83 और कुल्लू में महज 9 को सरकारी प्लेसमेंट हासिल हुआ है ।
रोजगार कार्यालय के लाइव रजिस्टर में कुल 8.66 लोगों में दो लाख से ज्यादा एससी जाति के लोग बतौर बेरोजगार दर्ज हैं। वहीं 49,340 एसटी, 1.07 लाख ओबीसी और 4.98 लाख अन्य जाति के बेरोजगार पंजीकृत हैं।
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