अधिक अंक लेने के बाद भी सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई। आरक्षण रोस्टर के कारण अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों का जेल वार्डर भर्ती में चयन नहीं हुआ। ऐसे कई अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले अभ्यर्थी थे जिन्होंने सामान्य वर्ग और अपने आरक्षित वर्ग के सभी उम्मीदवारों से अधिक अंक लिए थे।
कई आवेदकों ने तो 74.4 प्रतिशत अंक लिए थे। अनुसूचित जाति के ऐसे उम्मीदवार लिखित परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने के बावजूद अपने आरक्षित वर्ग से तो बाहर हुए सामान्य वर्ग में भी उन पर विचार नहीं (कंसीडर) किया गया। इस तरह के मामले ध्यान में आने पर पुलिस महानिदेशक कारागार विभाग सोमेश गोयल ने मुख्य सचिव बीके अग्रवाल को अर्ध सरकारी पत्र (डेमी ऑफिसियल लेटर) लिखकर अवगत करवाया। आरंभिक तौर पर कार्मिक विभाग ने इसमें सुधार की संभावना व्यक्त की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बताया कि इस तरह का मामला सामने आया है। उस पर सभी पहलुओं को देखते हुए विचार किया जाएगा। उसके उपरांत मामला मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा
कई आवेदकों ने तो 74.4 प्रतिशत अंक लिए थे। अनुसूचित जाति के ऐसे उम्मीदवार लिखित परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने के बावजूद अपने आरक्षित वर्ग से तो बाहर हुए सामान्य वर्ग में भी उन पर विचार नहीं (कंसीडर) किया गया। इस तरह के मामले ध्यान में आने पर पुलिस महानिदेशक कारागार विभाग सोमेश गोयल ने मुख्य सचिव बीके अग्रवाल को अर्ध सरकारी पत्र (डेमी ऑफिसियल लेटर) लिखकर अवगत करवाया। आरंभिक तौर पर कार्मिक विभाग ने इसमें सुधार की संभावना व्यक्त की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बताया कि इस तरह का मामला सामने आया है। उस पर सभी पहलुओं को देखते हुए विचार किया जाएगा। उसके उपरांत मामला मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा