सरकार का कहना था कि एसएमसी अध्यापक दुर्गम क्षेत्रों में करोना काल के दौरान भी लगातार सेवाएं दे रहे हैं इसलिए मौजूदा करोना संकट को देखते हुए इनकी सेवाएं फिलहाल जरूरी है ।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि अध्यापकों को बड़े समय से सेेलरी भी नहीं दी गई ।
सरकार ने उन अध्यापकों को सैलरी देने की इजाजत भी कोर्ट से मांगी थी लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए कहा था कि इसका यह मतलब होगा कि कोर्ट ने उनकी नीतियों को जायज ठहरा दिया है ।
क्योंकि अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को दिल्ली में थी इसलिए हाईकोर्ट ने सरकार के आवेदन पर सुनवाई 12 अक्टूबर के लिए टाल दी थी।