दरअसल सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई जिसमें एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति को सही ठहराया गया । ऐसे में प्रदेश में सेवाएं दे रहे s.m.c. शिक्षकों ने राहत की सांस ली है ।
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उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने अध्यापकों की नियुक्ति को रद्द करने का फैसला सुनाया था इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों का कहना था कि वे 2012 से हिमाचल के अति दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रूकावट के अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त किया गया है वह नियुक्तियों के लिए पूर्ण पात्रता रखते हैं और लंबे समय से उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनकी सेवाओं को नियमित करने के बजाय रद्द करना तर्कसंगत नहीं है।
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एसएमसी एसएमसी टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है की सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 2500 से अधिक s.m.c. शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित हो गया है अब उनकी सेवाएं जारी रहेगी । गौरतलब है कि हिमाचल सरकार ने इस मामले में सहानुभूति से विचार कर शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपनी ओर से एसएलपी दायर की थी । सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले पर अमल करने के लिए अधिकतम 1 वर्ष का समय मांगा था।