प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में बेहतरीन शिक्षा मुहैया करवाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार को आदेश दिए हैं कि वह अध्यापकों को निजी स्कूलों के अध्यापकों की तरह काम करने के लिए प्रोत्साहित करें ।
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी से जुड़े जनहित मामले का निपटारा करते हुए आदेश दिया।
कोर्ट ने सरकार को एक टाइम शेड्यूल के तहत शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरने के आदेश दे दिए हैं ।कोर्ट ने सरकार द्वारा तय टाइम शेड्यूल की अक्षरश अनुपालना करने के आदेश दिए ।
जिसके तहत खाली पदों को भरने के लिए वर्ष में पहले विज्ञापन का समय प्रत्येक वर्ष की 28 फरवरी तक खाली पदों को भरने की मांग कर्मचारी चयन आयोग को देने की बात कही गई है । इसके तहत स्क्रीनिंग टेस्ट अप्रैल माह में करवाने तथा अंतिम चयन प्रक्रिया जून माह के अंत तक करने को कहा गया है ।
इसी तरह वर्ष में दूसरे विज्ञापन के समय 30 जून तक खाली पदों को भरने की मांग कर्मचारी चयन आयोग को देने की बात कही गई इसके तहत स्क्रीनिंग टेस्ट अगस्त माह में करवाने और अंतिम चयन प्रक्रिया अक्टूबर माह के अंत तक करने को कहा गया है ।
सरकार ने कोर्ट को बताया कि स्कूलों में शीघ्र ही शिक्षकों की 4240 पद भरे जाएंगे जेबीटी के 1937 भाषा अध्यापक के 791 व 1512 पद शास्त्री अध्यापकों के भरे जा रहे हैं।
सरकार ने कोर्ट को बताया कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या 100 से कम है वहां कला व शारीरिक अध्यापकों की भर्ती नहीं की जा रही है ।