राज्य सरकार ने फैसला लिया है
कि जिन शिक्षकों ने अपनी पूरी
सेवाएं दूसरे राज्य में ही दी हैं, तो
उनकी सेवानिवृत्ति के बाद
हिमाचल क्यों पेंशन पर बजट
खर्च करे। यही वजह है कि अब
प्रदेश सरकार ने हिमाचल से
बाहरी राज्यों में गए शिक्षकों को
बुलाने के लिए यह नया तरीका
अपनाया है।
शिक्षा विभाग को
ऑप्शन दिया है कि वे अपनी इच्छा से हिमाचल से रिटायरमेंट ले लें।
बता दें कि प्रदेश से हर साल कई शिक्षक डेपुटेशन पर बाहरी राज्यों
में सेवाओं के लिए जाते है। उसके लिए राज्य सरकार से परमीशन ली
जाती है, लेकिन डेपुटेशन पर जाने वाले शिक्षक दो व तीन सालों की
ही परमीशन लेते हैं, लेकिन वापस नहीं आते हैं। हालांकि प्रदेश के
किसी सरकारी स्कूल के नाम से उनकी नियुक्ति होती है।
अब कोविड
के इस काल में सरकार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को जल्द नहीं कर
पा रही है। यही वजह है कि राज्य सरकार सरकारी स्कूलों के शिक्षकों
को वापस दूसरे राज्यों से बुला रही है। अब प्रदेश सरकार ने शिक्षकों
के डेपुटेशन की प्रक्रिया को बिल्कुल खत्म कर दिया है। राज्य में भी
जो शिक्षक लंबे समय से एक ही जगह पर डेपुटेशन पर अड़े हुए हैं,
उनके वेतन को रोकने की योजना भी तैयार की जा रही है।
बताया जा
रहा है कि डेपुटेशन पर हिमाचल व बाहरी राज्यों में गए शिक्षकों पर
सरकार द्वारा की जा रही कार्यवाही 15 जनवरी तक पूरी हो जाएगी।
सौ से ज्यादा शिक्षक
गए हैं बाहर : बाहरी राज्यों में डेपुटेशन पर
गए शिक्षकों की संख्या सौ से
ज्यादा बताई जा रही है।
हालांकि अब शिक्षा विभाग नए
सिरे से रिपोर्ट बनाने में जुट
गया है। जल्द बाहरी राज्यों में
डेपुटेशन पर गए शिक्षकों को
कारण बताओ नोटिस जारी हो
जाएंगे।
अब सरकार ने
डेपुटेशन की प्रक्रिया को
बिलकुल खत्म कर दिया है।
इस बाबत आदेश जारी कर दिए
गए हैं। वहीं, शिक्षा विभाग अब
कितने शिक्षक बाहरी राज्यों में
डेपुटेशन पर गए हैं, इसकी
तलाश में जुट गया है। हालांकि
इसी बीच सरकार ने दूसरे राज्यों
में जाने वाले शिक्षकों को यह भी
ऑप्शन दिया है कि वे अपनी इच्छा से हिमाचल से रिटायरमेंट ले लें।
बता दें कि प्रदेश से हर साल कई शिक्षक डेपुटेशन पर बाहरी राज्यों
में सेवाओं के लिए जाते है। उसके लिए राज्य सरकार से परमीशन ली
जाती है, लेकिन डेपुटेशन पर जाने वाले शिक्षक दो व तीन सालों की
ही परमीशन लेते हैं, लेकिन वापस नहीं आते हैं। हालांकि प्रदेश के
किसी सरकारी स्कूल के नाम से उनकी नियुक्ति होती है। अब कोविड
के इस काल में सरकार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को जल्द नहीं कर
पा रही है।
यही वजह है कि राज्य सरकार सरकारी स्कूलों के शिक्षकों
को वापस दूसरे राज्यों से बुला रही है। अब प्रदेश सरकार ने शिक्षकों
के डेपुटेशन की प्रक्रिया को बिल्कुल खत्म कर दिया है। राज्य में भी
जो शिक्षक लंबे समय से एक ही जगह पर डेपुटेशन पर अड़े हुए हैं,
उनके वेतन को रोकने की योजना भी तैयार की जा रही है। बताया जा
रहा है कि डेपुटेशन पर हिमाचल व बाहरी राज्यों में गए शिक्षकों पर
सरकार द्वारा की जा रही कार्यवाही 15 जनवरी तक पूरी हो जाएगी।