इसकी सबसे बड़ी वजह ये
है कि बीएड वाले हजारों अभ्यर्थियों
ने जेबीटी के इन 617 पदों के
अंगेस्ट परीक्षा दी है। दरअसल राज्य
सरकार की लापरवाही से जेबीटी के
आदेश का
पहले एनसीटीई के आधार पर ही बीएड वालों को भी परीक्षा में
बैठने की अनुमति के आदेश
जल्दबाजी में जारी कर दिये और
फिर देरी से ये फैसला लिया कि
प्राइमरी में बीएड मान्य नहीं होंगे।
इस कारण
हाईकोर्ट में 3 मार्च को
होगी अब सुनवाई
जेबीटी के मामले में अब हाईकोर्ट में 3
मार्च को सुनवाई होगी। आजकल वैसे ही
हाईकोर्ट में अवकाश चल रहा है। इसी
तरह के शास्त्री अध्यापको वाले केस में
हाईकोर्ट ने 10 पद खाली रखते हुए बाकी
पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के
आदेश दे दिये हैं। लेकिन जेबीटी वाले केस
में अब 3 मार्च को सुनवाई होनी है।
617 पदों पर भर्ती 2018 से फंसी
है।
हाईकोर्ट में भी इस केस में देरी
हुई। इस केस में सबसे पहले
ट्रिब्यूनल ने कुछ याचिकाकर्ताओं
को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी
थी। इसके खिलाफ फिर बीएड
वाले हाईकोर्ट चले गए और अब
तक ये झगड़ा चल रहा है।
सरकार
ने जनवरी 2019 में आयोग को
ये आदेश दिये थे कि बीएड वालों
को भी प्रोविजनली पेपर देने दिया
जाए। अब आयोग के लिए बीएड
और नॉन बीएड को अलग अलग
स्क्रीन करना मुश्किल हो रहा है।
इस बारे में आयोग को सरकार की
ओर से अब ये पत्र जरूर मिला है
कि इस बारे में जरूरी कार्रवाई
आगे की जाए, लेकिन सिर्फ इस
पत्र पर रिजल्ट जारी करना संभव
नहीं है।
टीजीटी आर्ट्स में कुछ
अभ्यर्थियों का दोबारा पेपर
टीजीटी आटर्स की परीक्षा के
दौरान सोलन जिला में गलत बंट
गए पेपरों के मामले में भी अब उन
टीजीटी आट्स परीक्षार्थियों को
दोबारा पेपर का मौका दिया
जाएगा, जिनको स्टोनो टाइपिस्ट
का पेपर बंट गया था। आयोग का
कहना है कि स्टेनो टाइपिस्ट का
पेपर आयोग रद कर चुका है,
जबकि टीजीटी आर्ट्स का पेपर
रद नहीं होगा।