हालांकि चुनाव
आचार संहिता के कारण इस बारे में
आदेश 25 जनवरी के बाद होंगे। इस
अधिसूचना के साथ ही इस बारे में
आगे की कार्रवाई होगी। लेकिन इतना
तय है कि राज्य सरकार की ओर से
मामला क्लीयर हो गया है। मुख्यमंत्री
जयराम ठाकुर ने इन शिक्षकों से वादा
किया था कि इन्हें ग्रामीण विद्या
उपासकों की तरह राहत दी जाएगी। ये
शिक्षक लंबे वक्त से ये मांग कर रहे थे।
पंचायती राज चुनाव से ठीक पहले ये
मामला वित्त विभाग को भेजा गया था।
लेकिन फिर कोड आफ कंडक्ट लग
गया। लेकिन चूंकि
राज्य सरकार ने
एक महीने में ये
मामला हल करने
का वादा किया हुआ
था तो इसी अवधि के
भीतर ये मसला कैबिनेट में रखा गया।
कैबिनेट ने इसे 5
जनवरी की बैठक में
क्लीयर कर दिया है।
इन्हें जीबीटी के अंगेस्ट नियुक्त करने
का फैसला हुआ है। बस अब
अधिसूचना बाकी है। जानकारी के
मुताबिक यह अधिसूचना पंचायती
राज चुनाव के चलते लगी आचार
संहिता हटने के बाद जारी हो जाएगी।
इसके बाद इन्हें जेबीटी के रूप में
नियुक्त किया जाएगा।