दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक की
डिग्री प्राप्त करने के बाद
नवनिर्वाचित प्रधान अवंतिका
हिमाचल की खोज मानी जा रही है।
इसके चलते बुधवार को समूचा
रोहडू अवंतिका की जीत पर
जश्न में डूबा रहा। अवंतिका
कहना है कि इस क्षेत्र में
साक्षरता दर ज्यादा न होने के
कारण क्षेत्र का विकास नहीं
हो पा रहा है। कुछ पढ़े-
लिखे लोग हैं, वे भी बाहर
ही रहते हैं।
यही कारण है
कि अवंतिका ने पंचायत चुनाव
उनका कहना है कि इस बार ना
केवल रोहडू बल्कि पूरे हिमाचल में
जिस तरह युवाओं ने इस पंचायत
चुनाव में पूरी सक्रियता दिखाई है।
उससे लगता है कि युवा अब अपने
क्षेत्र का कायाकल्प करने में जुट
गया है। बता दें कि रोहडू के लोअर
पंचायत के सिद्धरोटी गांव के
दयानंद चौहान की 22 वर्षीय
होनहार बेटी अवंतिका चौहान ने
दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक की है।
इसके बाद इग्नू से ग्रामीण विकास
में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर
यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं।
बेटी अवंतिका को गांव के लोगों
की समस्याएं देख कर उनके दिल में
की सूरत बदलने की इच्छा जागी है।
यही वजह रही कि अवंतिका ने 22
साल की उम्र में पंचायत चुनाव लड़
कर समाज सेवा की राह चुन ली।
अवंतिका पहले चरण के मतदान में
रोहडू के लोअरकोटी पंचायत से
प्रदेश की सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी
युवा प्रधान बनी हैं।
प्रतिनिधियों को दी विदाई
सिद्धरोटी गांव में बुधवार को अवंतिका के घर पर
सहभोज आयोजित किया गया। इस अवसर पर
प्रतिनिधियों का विदाई सामारोह भी आयोजित किया
गया। यह लोकतंत्र की नई परंपरा के अनुसार युवा
सोच को प्रदर्शित करने का काबिलेतारीफ कदम है।
इरादों में जान 'सबका साथ सबका
विकास एवं सबका
विश्वास' वास्तव में यही मंत्र है जीवन में आगे बढ़ने
का। जो लोग इस सच्चाई का अनुसरण अपने
जीवन में सही समय पर कर लेते हैं, वे अकसर
सफलता के मार्ग पर अग्रसर हो जाते है। कुछ ऐसे
ही मजबूत इरादों से भरी पड़ी है अवतिका। अब
देखना होगा कि अवंतिका जनता को साथ लेकर
अपने अनुभव एवं युवा जोश से पंचायत को विकास
के किस मुकाम तक लेकर जाती है।