हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सचेत किया कि वह इस संबंध में सतर्क रहें और यह सुनिश्चित करें कि विज्ञापन केवल भर्ती और पदोन्नति नियमों के अनुसार ही जारी हो। वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अदालत आश्वासन दिया कि इस संबंध में आवश्यक निर्देश सभी काउंसिल विभागों को जारी कर दिए जाएंगे।
न्यायाधीश अजय मोहन गोयल
ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि
याचिकाकर्ता 2011 के भर्ती एवं
पदोन्नति नियमों के संदर्भ में जारी
रेडियोग्राफर के पद पर नियुक्ति के
लिए विचार किए जाने के लिए पात्र
हैं, जो विज्ञापन की तारीख को
अस्तित्व में थे।
याचिका में दिए
तथ्यों के
अनुसार रेडियोग्राफर के
154 पदों को भरने के लिए
विज्ञापन जारी किया गया था।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि
प्रतिवादी आयोग द्वारा याचिका
कर्ताओं को पैरा मेडिकल कांसल
में पंजीकरण की शर्त के चलते
अयोग्य ठहराना कानूनी तौर पर
गलत होगा
विशेषतया जब यह
शर्त नियमों का
हिस्सा नहीं थी।
न्यायालय ने प्रदेश
कर्मचारी
चयन
आयोग को आदेश
दिए कि वे याचिका
कर्ताओं को रेडियोग्राफर के पद पर
नियुक्ति देने के लिए विचार करें।
न्यायालय ने कहा कि आयोग
याचिकाकर्ताओं को इन पदों के
लिए कंसीडर करते हुए चयन
प्रक्रिया को इसके तार्किक निष्कर्ष
पर ले जाये। उनकी नियुक्ति आयोग
द्वारा निर्धारित मापदंडों पर निर्धारित
की जाएगी।