इसलिए फिलहाल फीस कम
नहीं होगी। ईसी की बैठक में इस
मामले पर चर्चा की गई। हालांकि
विवि ने साफ किया कि पंचायत
सचिव भर्ती में यदि सरकार
आरक्षित या अन्य वर्ग को फीस में
छूट देना चाहेगी, तो इसके लिए
विवि सरकार से बजट की मांग
करेगा। इसलिए पंचायत सचिव
भर्ती की आवेदन फीस कम करने
पर कोई निर्णय नहीं हो सका।
फीस
मामले को लेकर मंत्री भी नाराजगी
जता चुके हैं, बावजूद ईसी में कोई
फैसला नहीं हो सका। इधर, विवि
की बिना प्रवेश परीक्षा के मेरिट के
आधार पर पीजी में प्रवेश देने के
मामले को लेकर उच्च न्यायालय के
आदेशों पर विवि कार्यकारिणी
परिषद में चर्चा की गई। ईसी ने इस
पर कानूनी राय लेने के बाद इसे
दोबारा ईसी में रखे जाने का फैसला
लिया।
कुलपित प्रो. सिकंदर कुमार
की अध्यक्षता में बैठक में पूरे मामले
पर सदस्यों ने विस्तृत चर्चा की।
चर्चा में विवि की ओर से पक्ष रखा
गया कि कोरोना महामारी से बने
हालात और यूजीसी की सितंबर
माह में जारी गाइडलाइन के
मुताबिक मेरिट आधार पर प्रवेश देने
का फैसला लिया गया था। जिसमें
सभी कानूनी पहलुओं को ध्यान में
रखकर फैसला लेने को कहा गया
था।
विवि ने अधिष्ठाताओं की
कमेटी बनाई थी। कमेटी ने छात्रों
की सुरक्षा के मद्देनजर मेरिट
आधार पर प्रवेश का फैसला लिया
था। चर्चा के बाद ईसी ने इस मामले
पर कानूनी राय लेने को इसे
महाधिवक्ता को भेजने और तीन
सप्ताह के भीतर दोबारा मामले को
ईसी में रखे जाने का फैसला लिया।
इसके अलावा ईसी में शोधार्थियों को
शोध कार्य पूरा करने को यूजीसी के
फैसले को अपनाकर समय सीमा
बढ़ाने को मंजूरी दी गई।