शिक्षा विभाग द्वारा टीजीटी बैचवाइज भर्तियों का परिणाम घोषित होने के बाद बैचवाइज भर्तियों की प्रासंगिकता पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। सवाल यह कि क्या वक्त आ गया है आरएंडपी रुल्ज में संशोधन का।उक्त शिक्षक अगले साल के अंत मेंबैचवाइज भर्ती में अधिकांश शिक्षक ओवरएज होने लगे हैं। औसतन 8-10 साल से भी कम की नौकरी इन शिक्षकों के हिस्से में आई है। जानकारी के अनुसार टीजीटी आर्ट्स के एक अभ्यर्थी की 56 साल में नौकरी लगी है, अब रिटायर हो जाएगा।
अब ऐसी नौकरी
का क्या लाभ
इसका अनुमान
सहज ही लगाया
जा सकता है। साल की उम
किया जाए। प्रेरणा शर्मा, निशांत,
दीपिका, अरमान, सोनिया सौरव
वर्मा आदि कई
युवाओं का कहना
है
बैचवाइज भर्ती में इतनी देर से नौकरी
लग रही है कि जब
तक नौकरी मिलती है, तब तक
शिक्षक का पढ़ने पढ़ाने से कोई
वास्ता ही नहीं रह जाता।
इसलिए
शिक्षकों की भर्तियां सीधे कमीशन
से ही होनी चाहिए।
उक्त अभ्यर्थी बिना
नियमित हुए ही रिटायर हो जाएगा,
क्योंकि 3 साल के अनुबंध के बाद
नियमित होने का प्रावधान है। इसके
कारण अब आवाज उठने लगी है
कि आरएंडपी रुल्ज में परिवर्तन होने चाहिए।