जेबीटी की चल रही बैचवाइज भर्ती
में बीएड करने वाले अभ्यर्थी पात्र
नहीं हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने
साफ किया है कि बीएड करने वाले
छात्र काउंसिलिंग में हिस्सा नहीं ले
पाएंगे। हालांकि प्रारंभिक शिक्षा
विभाग ने हाई कोर्ट में याचिका दायर
करने वाले दो बीएड अभ्यर्थियों को
कोर्ट के आदेशों पर प्रोवेशनली
काउंसिलिंग में भाग लेने को कहा
है।
इस बीच प्रारंभिक शिक्षा विभाग
ने यह भी साफ किया है कि जब
तक हाई कोर्ट का फैसला नहीं आ
जाता है, इन दोनों याचिकाकर्ताओं
का रिजल्ट घोषित नहीं किया
जाएगा। ऐसे में जेबीटी की
काउंसिलिंग प्रक्रिया एक बार फिर से
उलझ गई है।
बता दें कि वर्तमान में
जेबीटी शिक्षकों के लिए प्रारंभिक
शिक्षा विभाग के आर एंड पी रूल्स
के मुताबिक जेबीटी शिक्षक बनने के
लिए 12वीं, डीएलईडी व टेट की
परीक्षा अनिवार्य है। वहीं अभी प्रदेश
में बीएड शिक्षकों को जेबीटी के
लिए मान्य नहीं किया है, केवल हाई
कोर्ट तक पहुंचे दो याचिकाकर्ता ही
प्रोवेशनली काउंसिलिंग में जा सकते
हैं।
गौर रहे कि जेबीटी भर्ती को
लेकर हाई कोर्ट में केस पेडिंग है,
जिसको लेकर तीन मार्च को सुनवाई
होनी है। हाई कोर्ट ने अपने आदेशों
में संशोधन के साथ बैचवाइज भर्ती
की काउंसिलिंग पर लगी रोक को
हटाते हुए कहा था कि
याचिकाकर्ताओं को काउंसिलिंग में
शामिल किया जाए, लेकिन इस
आदेश की अनुपालना में प्रारंभिक
शिक्षा विभाग ने बीएड वाले पूरे बैच
को ही बुला लिया था, जिससे
कन्फ्यूजन पैदा हो गई। हमीरपुर और
शिमला जिला दोनों में ही यह
मामला सामने आया था।
यह
काउंसिलिंग हमीरपुर में 23 और 24
फरवरी को होनी है।
काउंसिलिंग को लेकर कोर्ट के आदेश
प्रदेश हाई कोर्ट ने जेबीटी बैचवाइज भी मामले में भी प्रक्रिया पर लगाई
रोक के आदेशों में आंशिक संशोधन करते हुए कहा है कि यह भर्ती
प्रक्रिया प्रदेश के सभी जिलों में जारी रखी जा सकती है, परंतु उसे अंतिम
रूप देने पर रोक लगी रहेगी। कोर्ट ने दो प्रार्थियों को भी भर्ती प्रक्रिया के
तहत काउंसिलिंग में हिस्सा लेने की अनुमति प्रदान कर दी है। न्यायाधीश
विवेक सिंह ठाकुर ने पुष्पा देवी व अन्यों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई
के पश्चात यह आदेश दिए।