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मार्च को जेबीटी कमीशन वाले केस
की सुनवाई के दिन अब दोनों केस
एक साथ सुने जाएंगे।
एक दिन पहले प्रदेश हाईकोर्ट
ने जेबीटी बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया
पर रोक लगा दी थी। हालांकि ये
रोक केवल कांगड़ा के भर्ती विज्ञापन
पर थी। चूंकि इसका असर पूरे प्रदेश
की भर्तियों पर था, इसलिए अब
विभाग ने ही काउंसिलिंग पर
आगामी आदेशों तक रोक लगा दी थी।
मंगलवार को मंडी जिला
में भी
काउंसलिग
होनी थी। अब विभाग के आदेश के
बाद सारी प्रक्रिया रोक दी गई है।
इससे पहले जेबीटी कमीशन में भी
इसी विवाद में कोर्ट में केस चल
रहा है। हालांकि भर्ती पर स्टे नहीं
है। विवाद का कारण है एनसीटीई
का एक आदेश, जिसको राज्य
सरकार अपने यहां लागू नहीं करना
चाहती।
ये आदेश है प्राइमरी
कक्षाओं में बीएड टीचर्स को पढ़ाने
की अनुमति देना। हालांकि राज्य
सरकार नवंबर में फैसला ले चुकी
है कि एनसीटीई की इस अधिसूचना
को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।
यहां प्राइमरी में जेबीटी एवं
डीएलएड और अपर प्राइमरी में
बीएड टीचर ही रहेंगे। न ही इस बारे
में भर्ती नियमों में राज्य सरकार
संशोधन अब तक किया है।
गौरतलब है कि जेबीटी की कमीशन
से हो रही भर्ती पहले ही हाईकोर्ट में
चल रही है। इसका रिजल्ट दो साल
से रुका पड़ा है।