राज्य सरकार ने हिमाचली बोनाफाइड प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। ये बदलाव एक संशोधन के लिए करना पड़ा। इस बारे में 2009 में बनी प्रक्रिया में एक कमी थी। उसमें भारतीय नागरिक शब्द कहीं नहीं था। केवल 20 साल हिमाचल में रहने पर ये प्रमाण पत्र मिल जाता था। अब ऐसा नहीं होगा।
कार्मिक विभाग ने लॉ से राय
लेने के बाद ये संशोधन किया है।
इसके बाद अब नेपाली, तिब्बती या
अन्य देश के नागरिक हिमाचल में
रहने भर से हिमाचली नहीं बन
पाएंगे। हालांकि बाकी प्रक्रिया को
वैसे ही रखा गया।
ये बोनाफाइड प्रमाण पत्र
सरकारी नौकरी या प्रॉपर्टी खरीदने
आदि के समय काम आते हैं।
इससे
पहले हिमाचल के लोक निर्माण
जारी अधिसूचना के अनुसार अब
ये प्रमाण पत्र पहले की तरह
एसडीएम, तहसीलदार, नायब
तहसीलदार ही जारी करेंगे, लेकिन
इसके आधार पंचायत प्रधान,
पटवारी, नगर परिषद-नगर पंचायत
या नगर निगम के मेयर या चेयरमैन,
ईओ या पार्षदों द्वारा जारी
सर्टिफिकेट होगा।
जो सिर्फ किसी भारतीय
नागरिक को ही दिया जा सकेगा वो
भी तीन आधार पर। या तो हिमाचल
में उनका स्थायी निवास हो। या
पिछले 20 साल या इससे ज्यादा
समय से हिमाचल में रहा हो या
फिर हिमाचल में स्थायी निवास है,
लेकिन पेशे के लिए हिमाचल से
बाहर रहा है।
विभाग जैसे महकमों में नेपाली
कामगार भी रेगुलर हो चुके हैं। ऐसी
घटनाएं सामने आने के बाद अब ये
संशोधन इस प्रमाण पत्र की प्रक्रिया
में किया गया है।
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