आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर यूनियन (सीटू) की राज्य कमेटी ने सोमवार को महिला और बाल विकास निदेशालय हिमलैंड शिमला के बाहर तीन घंटे प्रदर्शन कर प्री-प्राइमरी स्कूलों में उन्हें नियुक्त करने की मांग रखी। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, उपाध्यक्ष जगत राम की अगुवाई में यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष नीलम जसवाल और महासचिव वीना देवी ने विभाग के उपनिदेशक राकेश भारद्वाज को मांगपत्र सौंपा।
यूनियन ने केंद्र और
प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर
आंगनबाड़ी वर्करों को प्री-प्राइमरी
कक्षाओं के लिए नियुक्त करने के
आदेश जारी न किए तो आंगनबाड़ी
कर्मी नौ मार्च को प्रदेशव्यापी हड़ताल
करेंगे। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद
रखा जाएगा। यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष
नीलम जसवाल और महासचिव वीना
देवी ने कहा कि छह वर्ष से कम उम्र
के बच्चों की शिक्षा का कार्य पिछले
45 वर्षों से आंगनबाड़ी कर्मी ही कर
रहे हैं।
प्री-प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने
की जिम्मेवारी आंगनबाड़ी कर्मियों को
देने की घोषणा प्रदेश सरकार बजट
सत्र में ही करे। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा
नीति को वापस लेने की मांग की है।
कहा यह न केवल छात्र विरोधी है
लेकिन आइसीडीएस विरोधी भी है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वास्तव में
आइसीडीएस के निजीकरण का छिपा
हुआ एजेंडा है। इससे भविष्य में
आंगनबाड़ी कर्मियों को रोजगार से
हाथ धोना पड़ेगा। उन्होंने केंद्र
सरकार की ओर से वर्ष 2021 के
आइसीडीएस बजट में की गई 30
प्रतिशत की कटौती को
आंगनबाड़ी कर्मियों के रोजगार के
साथ अन्याय बताया।