विभागीय जानकारी के
अनुसार, इसमें 500 पद शारीरिक शिक्षकों,
जबकि 500 पद कला अध्यापकों के शामिल हैं।
सचिव शिक्षा राजीव शर्मा की ओर से बीते रोज
इसका प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजा
है। वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद इसेअंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा।
पिछलेे चार सालों से शिक्षा विभाग में इन दोनों
श्रेणियों का एक भी पद नहीं भरा गया है। वर्ष
2017 से पहले शिक्षकों की इन श्रेणियों की
भर्तियां हुई थीं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम
यानी आरटीई के तहत 100 बच्चों व इससे
अधिक संख्या वाले स्कूलों में ही इन पदों को
भरने को लेकर गतिरोध चला हुआ था।
विभाग
का कहना है कि एक्ट में ऐसा कहीं पर भी नहीं
लिखा गया है। पिछले साल शिक्षा विभाग ने
कला व शारीरिक शिक्षकों के पदों को भरने के
लिए सरकार ने वित्त विभाग से स्वीकृति मांगी
थी। वित्त विभाग ने आरटीई के नियमों का तर्क
देते हुए इस प्रस्ताव को वापस भेज दिया था।
सीएंडवीी अध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल इस
मसले को लेकर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा
शुभकर्ण सिंह से मिला था। इसके अलावा
सचिव शिक्षा से भी मुलाकात की गई थी। शिक्षा
विभाग ने दोबारा इसका प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी
के लिए वित्त विभाग को भेज दिया है। संघ के
अध्यक्ष चमन लाल ने कहा कि राज्य सरकार
एक तरफ शिक्षा में गुणवत्ता की बात करती है।
दूसरी तरफ स्कूलों में कला अध्यापक और
शारीरिक शिक्षकों के सैकड़ों पद खाली पड़े हुए
हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गुहार
लगाई है कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और
गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए इन पदों को
शीघ्र स्वीकृति प्रदान करे।