तीन से पांच साल तक के बच्चों को सरकारी स्कूलों में कौन पढ़ाएगा। अभी तक प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती पर सरकार कोई फैसला नहीं ले पाई है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी हुए प्री नर्सरी बच्चों के दाखिले का रिकार्ड देखें, तो है 31 जनवरी तक 3840 सरकारी स्कूलों में 28430 नन्हे मुन्नों ने दाखिले लिए हैं। प्री प्राइमरी दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या तीन से चार साल तक की है।
हैरानी है कि अब 28,430
छोटे बच्चों को स्कूलों में शिक्षा
की लौ कौन जगाएगा। अभी तक
सरकार ने आर एंड पी रूल्ज़ ही
तैयार नहीं किए हैं।
उधर विधानसभा में भी है
विधायक के सवाल पर शिक्षा मंत्री
ने लिखित में कहा कि अभी
सरकार प्री नर्सरी शिक्षकों की भर्ती
पर कार्य कर रही है।
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अब सवाल
यह उठता है कि छोटे
बच्चों की शिक्षा में गुणवत्ता
लाने के दावे कैसे सहीं
होगे, जब स्कूलों में शिक्षक
ही नहीं होंगे।
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प्री नर्सरी छात्रों को अभी जेबीटी शिक्षक ही पढ़ा रहे हैं, लेकिन जेबीटी शिक्षकों के पास पहले ही पहली से पांचवी तक
की कक्षाएं होती हैं। ऐसे में
जेबीटी शिक्षक उतना फोकस छोटे
'बच्चों पर नहीं कर पाएंगे।
उधर, तीन साल तक के
की बच्चों को खेल-खेल में कैसे
की पढ़ाया जाना है, इसकी ट्रेनिंग
एनटीटी शिक्षकों को दी जाती है।
अब प्रदेश के हजारों बेराजगार
युवाओं की निगाहें सरकार के प्री
नर्सरी शिक्षकों के लिए तय किए
जाने वाले आर एंड पी रूल्ज़ पर
भी हैं। ऐसे में अहम रहेगा कि कब
स्कूलों को प्री नर्सरी के अलग
भी शिक्षक मिलते हैं।