प्रदेश सरकार नई शिक्षा ला रही है, जिसमें हर सरकारी स्कूल में प्री-नर्सरी कक्षाएं शुरू की जा रही हैं। इसके लिए बेरोजगार प्रशिक्षित नर्सरी अध्यापिकाओं की नियुक्ति बैचवाइज की जाए। यह अनुरोध बेरोजगार प्रशिक्षित नर्सरी अध्यापिका संघ जिला कांगड़ा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से किया है।
इन अध्यापिकाओं का कहना है कि उन्होंने एक
साल का नर्सरी अध्यापिका का कोर्स किया है
और दो साल का डीएलएड कोर्स भी किया है,
जिस कारण उन्हें बच्चों को पढ़ाने का अनुभव है।
बेरोजगारर प्रशिक्षित नर्सरी अध्यापिका संघ की
प्रधान रेणु शर्मा व महासचिव नैना शर्मा ने कहा
कि ये नर्सरी अध्यापिकाएं 15-20 वर्षों से निजी
स्कूलों में बतौर अध्यापिका कार्य कर रही हैं,
लेकिन उन्हें मात्र 3000 रुपए तक वेतन मिल रहा
है।
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यही नहीं, कोरोना काल में सरकार की गलत
नीतियों के चलते उन समेत हजारों शिक्षक वेतन
से वंचित रह गए हैं। यहां तक कि पूरा साल
ऑनलाइन बच्चों को पढ़ाते रहे, ताकि उन्हें
स्कूल से न निकालें। इसी के चलते बेरोजगार
प्रशिक्षित नर्सरी अध्यापिका संघ ने प्रदेश सरकार
से मांग की है कि उन्हें प्री-प्राइमरी स्कूलों में
नियुक्ति दी जाए।