एसएमसी शिक्षकों को एक वर्ष
का विस्तारीकरण देने वाली
अधिसूचना को चुनौती देने वाली
याचिका में प्रदेश उच्च न्यायालय
ने राज्य सरकार से चार सप्ताह के
भीतर जवाब तलब किया है।
न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व
न्यायाधीश संदीप शर्मा की
खंडपीठ ने संजय कुमार व अन्य
प्रार्थियों द्वारा दायर याचिका की
प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यह
आदेश पारित किए। प्रार्थियों ने
अपनी याचिका में आरोप लगाया
है कि राज्य सरकार ने गत आठ
मार्च को अधिसूचना
जारी कर एसएमसी
शिक्षकों को एक वर्ष का
और विस्तार दे दिया है,
जो कि सर्वोच्च
न्यायालय व प्रदेश उच्च
न्यायालय द्वारा जारी निर्णय की
सरेआम उल्लंघना है।
राज्य सरकार
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित
निर्णय को अमल में न लाने की
इच्छा से ऐसा कर रही है। हाई
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं द्वारा कोर्ट
के समक्ष रखी दलीलों के पश्चात
राज्य सरकार से जवाब तलब
किया। इस मामले पर 22 अप्रैल
के लिए आगामी सुनवाई निर्धारित
की गई है। गौरतलब है कि प्रदेश
उच्च न्यायालय ने एसएमसी
शिक्षकों को बर्खास्त करने के
आदेश पारित किये थे। हाई कोर्ट
के अनुसार उनकी नियुक्ति भर्ती
एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार
नहीं की गई थी।
हाई कोर्ट के
निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय के
समक्ष चुनौती दी गई थी। सर्वोच्च
न्यायालय ने एसएमसी टीचरों को
आंशिक राहत देते हुए फिलहाल
नए शिक्षकों की नियुक्ति होने तक
पदों पर बने रहने के आदेश पारित
किए थे। प्रार्थियों ने यह आरोप है
लगाया है कि राज्य सरकार
जानबूझकर नए शिक्षकों की भर्ती
नहीं कर रही है, ताकि एसएमसी
शिक्षक इन पदों पर बने रहे।