10 अप्रैल 2021

उच्च शिक्षा नौकरी के लिए अवगुण नहीं : सुप्रीम कोर्ट

 

 सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि उच्च शिक्षा या योग्यता को नौकरी पाने के शीर्ष अदालत ने लिए अवगुण या दोष नहीं माना जा सकता। 

शीर्ष अदालत ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए बीई-बीटेक डिग्रीधारियों को राज्य बिजली बोर्ड में जूनियर इंजीनियर (जेई) के पदों पर नौकरी के लिए आवेदन करने की इजाजत दे दी है। जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एस. रवींद्र भट्ट की पीठ ने पाया कि नियुक्तियों में बड़ी हिस्सेदारी सीधी भर्तियों की होती है। 


वहीं, प्रमोशन से भरे जाने वाले उच्च पद यानी सहायक अभियंता के लिए सीधी भर्तियां 36 फीसदी तक
 ही होती हैं। बाकी 64 फीसदी में विभिन्न उप कोटा फीडर कैडर के लिए निर्धारित किए गए हैं और इनमें सबसे अधिक हिस्सेदारी जूनियर इंजीनियरों की होती है। पीठ ने अपने आदेश में कहा, यह दिखाता है कि इस नियम को बनाने का मकसद डिग्रीधारकों को जूनियर इंजीनियर के पद पर विचार करने से दूर रखना नहीं है।

राज्य सरकार की दलील मानी : पीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल अभिनव मुखर्जी की इस दलील को स्वीकार कर  लिया कि बोर्ड को जूनियर इंजीनियर पद के लिए न केवल डिप्लोमाधारकों को बल्कि डिग्रीधारकों को भी नियुक्त पाने का अधिकार है।

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