कोविड काल के बीच मंगलवार से बोर्ड छात्रों की परीक्षाएं होने जा रही हैं। परीक्षाएं शुरू होने से पहले उच्च शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के अनुसार अगर किसी स्कूल में बहुत संख्या में शिक्षक कोरोना पॉजिटिव आ जाते हैं, तो प्रिंसीपल नजदीकी हाई व सेकेंडरी स्कूल से शिक्षकों को बुला सकते हैं।
इसके अलावा
विभाग ने प्रिंसीपल को यह भी
- अधिकृत किया है कि अगर परीक्षा
केंद्रो में शिक्षकों की कमी फिर भी
रह जाती है, तो ऐसे में नजदीकी स्कूल के क्षेत्रों में रहने वाले
बेरोजगार युवाओं की ड्यूटी भी
लगा सकते हैं। यानी कि शिक्षा
विभाग ने साफ किया है कि ऐसे
बेरोजगार युवा, जिन्होंने एमए,
एमफील या दूसरी डिग्रियां हासिल की है उन्हें ड्यूटी के लिए बुलाया जा सकता है। इसके
लिए उन्हें प्रतिदिन 200 से 400
रुपए तक की राशि भी दी जाएगी।
उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक
अमरजीत शर्मा की ओर से ये
आदेश सभी जिला उपनिदेशकों व
स्कूल प्रिंसीपल को जारी कर दिए
की हैं, तो उन्हें भी नकल रोकने के
गए हैं। विभाग की ओर से जारी
आदेशों में कहा गया है कि बोर्ड
की परीक्षाओं में किसी भी तरह
की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
इसके अलावा लापरवाही भी कोई
नहीं होनी चाहिए, ताकि कोविड
के मामलों को आगे फैलने से
बचाया जा सके। बता दें कि शिक्षा
विभाग ने बेरोजगार युवाओं की
परीक्षा केंद्रों में ड्यूटी लगाने का
फैसला कोविड की वजह से लिया
1 है। शिक्षा विभाग ने यह भी साफ
किया है कि कोविड के सिमटम
आने पर शिक्षक स्कूल में
उपस्थित न हो।