सीबीएसई सहित राज्यों की बोर्ड परीक्षाओं को रद करने की उठ रही मांगों के बीच ज्यादातर राज्यों ने इन परीक्षाओं को अहम बताया है और इन्हें कराने का सुझाव दिया है। हालांकि इसके लिए किसी भी उपयुक्त प्रक्रिया को अपनाने पर जोर दिया है।
इस बीच, राज्यों ने छात्रों की
आनलाइन पढ़ाई की राह में आड़े
आ रहे मोबाइल फोन, टैबलेट आदि
का मुद्दा भी उठाया। साथ ही केंद्र से
छात्रों को इसे मुहैया कराने के लिए
मदद की भी मांग की। इस दौरान कुछ
राज्यों ने इनोवेशन फंड से मदद का
सुझाव दिया।
कोरोना संकटकाल में राज्यों ने
यह सुझाव शिक्षा से जुड़े विषयों
को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश
पोखरियाल निशंक के साथ चर्चा में
दिया। इस बीच, परीक्षा के समर्थन
में ओडिशा सबसे पहले आगे
आया। बाद में दूसरे राज्यों ने भी
उसका समर्थन किया। फिलहाल
निशंक ने साफ किया कि जो भी
फैसला लिया जाएगा, वह छात्रों के
व्यापक हितों को देखते हुए ही लिया
जाएगा।
राज्यों के साथ बैठक के बाद
शिक्षा मंत्रालय ने समग्र शिक्षा के
तहत राज्यों को फिलहाल 5228
करोड़ रुपये की राशि जारी की
है। जो आनलाइन शिक्षा, प्रशिक्षण
आदि गतिविधियों पर खर्च किया जा
सकता है।
बच्चों की परीक्षाओं के संबंध में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है
जून में ही फैसला हो सकेगा कि परीक्षाएं होंगी या नहीं।