राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि 5 मई, 2021 को राज्य में कोविड-19 के नियंत्रण से संबंधित आपदा प्रबंधन की राज्य कार्यकारी समिति द्वारा 7 मई, 2021 की सुबह 6 बजे से 17 मई, 2021 की सुबह 6 बजे तक कोरोना कफ्यू लगाए जाने के संबंध में जारी आदेशों में आंशिक संशोधन किए गए है।
उन्होंनेे कहा कि जारी आदेशों के अनुसार पुलिस, गृह रक्षक, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं, आपदा प्रबंधन, कारागार,
नगर निगम सेवाएं के साथ आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले कार्यालय बिना किसी प्रतिबंध के खुले रहेंगे। इस सूची में सूचना एवं जन सम्पर्क
विभाग को भी शामिल किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि 5 मई, 2021 को जारी आदेशों के बिन्दु संख्या 10 के भाग 4 में राज्य सरकार के आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले विभागों
के अतिरिक्त अन्य सभी विभागों को लॉकडाउन के दौरान बंद रखने का उल्लेख है। संशोधित आदेश के अनुसार, लॉकडाउन शब्द को कर्फ्यू पढ़ा
जाए।
इसी तरह बिन्दु संख्या 11 में लॉकडाउन के दौरान सामान्य परामर्श के अन्तर्गत प्रयोग किए गए लॉकडाउन शब्द को भी कर्फ्यू पढ़ा जाए।
बिन्दू संख्या 14 में दंडात्मक प्रावधान के तहत भी प्रयोग लॉकडाउन शब्द को भी कर्फ्यू पढ़ा जाए।
मुख्यमंत्रीी ने कहा कि सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम जनता प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर
जारी की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन करे ताकि कोरोना महामारी के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान
परिस्थितियों में राज्य के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा गरीबों और कमजोर वर्गों के लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करना भी
सरकार का उत्तरदायित्व है।
जयय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में आक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में है और केवल आक्सीजन के परिवहन के लिए सिलेण्डरों की
आवश्यकता है। राज्य सरकार ने प्रदेश में आक्सीजन सिलैण्डरों की कमी को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार से अतिरिक्त आक्सीजन
सिलैण्डर प्रदान करने का आग्रह किया है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के लिए स्वीकृत किए गए पीएसए आक्सीजन प्लांट को स्थापित करने के
कार्य में तेजी लाने के प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्रीी ने कहा कि कोविड-19 जांच की रिपोर्ट तैयार करने में समय को कम करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए और इस कार्य में निजी
प्रयोगशालाओं को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊना और कुल्लू में प्रयोगशालाएं स्थापित करने को स्वीकृति मिल गई है
जिसके लिए सात करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन राजकीय महाविद्यालयों और आईआईटी मण्डी में प्रयोगशालाएं
स्थापित करने की सम्भावनाएं तलाशी जानी चाहिए।
जयय राम ठाकुर ने अधिकारियों को होम आइसोलेशन और अस्पतालों के माध्य समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि गम्भीर रूप से बीमार
लोगों को अस्पताल स्थानातंरित करने में देरी लोगों की मृत्यु का कारण न बने। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कोरोना कप्रयू के दौरान आक्सीजन,
पीपीई किट्स, दवाइयों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपायुक्त सम्बन्धित जिलों में बिस्तरों की क्षमता को बढ़ाने के अलावा कोविड जांच में भी तेजी लाना सुनिश्चित करें।
अस्थाईई अस्पतालों के संचालन के लिए आउटसोर्स और युक्तिकरण के आधार पर पर्याप्त श्रमशक्ति उपलब्ध की जानी चाहिए। उन्होंने महामारी
के दौरान आक्सीजन और अन्य साधनों का उचित उपयोग करने को कहा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने इस महामारी को रोकने के लिए राजनीतिक नेताओं, अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल कर्मचारियों और
अन्य हितधारकों से इस महामारी से लड़ने के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करने को मुख्यमंत्री का आभार
व्यक्त किया।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि सभी कार्यान्वयन प्राधिकरणों को इस महामारी के दौरान सभी साधनों का प्रभावी आवंटन सुनिश्चित करना
चाहिए। उन्होंने होम आइसोलेशन को और अधिक सुदृढ़ बनाने पर बल दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. शर्मा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
पुलिसस महानिदेशक संजय कुण्डू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं की अवहेलना करने वालां के खिलाफ
कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में झूठी पहचान और गलत सूचना प्रस्तुत कर प्रवेश करने वालों के खिलाफ भी
कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने इस महामारी को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी विस्तार में बताया।
प्रधानन सचिव सुभाशीष पाण्डा, विशेष सचिव सुदेश मोक्टा व अरिंदम चैधरी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।
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