केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने घोषणा की है कि सरकार ने में शिक्षक पात्रता परीक्षा योग्यता सर्टिफिकेट की वैधता अवधि को 7 वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय लिया है।
पोखरियाल ने कहा कि
शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के
इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के
अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक
सकारात्मक कदम होगा। । यह फैसला 10 साल पहले से लागू
किया गया है।
यानी 2011 के बाद
जिनके भी प्रमाण-पत्रों की अवधि
पूरी हो चुकी है, वे भी शिक्षक भर्ती
परीक्षाओं के लिए पात्र होंगे।शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह प्रदेश में भी टेट को आजीवन करने की तैयारी कैबिनेट लेगी फैसला शिमला।
केंद्र की तर्ज पर हिमाचल में भी शिक्षक पात्रता परीक्षा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट की वैधता को आजीवन अनिवार्य कर दिया जाएगा। 5 जून को होने वाली कैबिनेट में होने वाली बैठक में इस प्रस्ताव को अब अतिम मगूरी मिलेगी