शिक्षक बनने के इच्छुक प्रदेश के हजारों लोगों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) को आजीवन मान्य कर दिया है, यानी एक बार ही टेट पास करना होगा। अगस्त 2011 के बाद टेट पास करने वालों को इसका लाभ मिलेगा। प्रदेश मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह यह निर्णय लिया था। शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। करीब 82 हजार अभ्यर्थियों को इसका फायदा होगा। अब तक टेट नौकरी के लिए केवल सात साल के लिए ही मान्य ह होता था। इसके बाद अभ्यर्थियों को ह दोबारा परीक्षा देनी पड़ती थी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (राइट टू एजुकेशन एक्ट ) लागू होने के बाद शिक्षक बनने के लिए टेट अनिवार्य किया गया था। केंद्र और राज्य एनसीटीई नियमों से टेट करवाते हैं। नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने इसकी अवधि को आजीवन करने का निर्णय पिछले साल लिया था। इसके बाद राज्यों को निर्देश दिया था कि वे भी अपने स्तर पर फैसला लें।
परीक्षा के पैटर्न में होगा बदलाव : शिक्षा विभाग ने टेट की मान्यता को
आजीवन कर दिया है। अब परीक्षा के
पैटर्न में बदलाव किया जाएगा । अब नेट
की तर्ज पर दो पेपर होंगे । पहली परीक्षा
प्रदेश से संबंधित जानकारी, सामान्य
ज्ञान और बीएड की पढ़ाई पर आधारित
होगी। दूसरी परीक्षा सिलेबस से संबंधित
होगी। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर
में की गई विषय वार पढ़ाई को शामिल
किया जाएगा। प्रदेश में शिक्षक पात्रता
परीक्षा का जिम्मा अभी स्कूल शिक्षा
बोर्ड को सौंपा है। सरकार शिक्षक
बनने के लिए सभी श्रेणियों का टेट की
अनिवार्यता करने जा रही है। इसी साल
से अनिवार्य कर दिया जाएगा। अभी
जेबीटी और टीजीटी के लिएही शिक्षक
पात्रता परीक्षा का पास होना जरूरी है।
लेक्चरर न्यू, डीपीई सहित कई अन्य
श्रेणियों को भी टेट के दायरे में लाने की
सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है।