प्रदेश के चार हजार सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती को आरएंडपी नियम बनाने का काम शुरू हो गया है। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को राज्य सचिवालय में शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक हुई।
प्रदेश के प्री प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) करने वालों को 70 फीसदी और आंगनबाड़ी वर्करों को 30 फीसदी पद दिए जाएंगे।प्रदेश के सरकारी स्कूलों में
चलाई जा रही नर्सरी और केजी की
कक्षाओं के लिए भर्ती किए जाने
वाले शिक्षकों में एनटीटी कोटे के
70 फीसदी पदों में से 35 फीसदी
पद बैचवाइज और 35 फीसदी पद
सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। एनसीटीई
के नियमों के तहत भर्ती की जाएगी।
शिक्षा विभाग इस बाबत प्रस्ताव
बनाकर राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी
के लिए लेकर जाएगा। मंत्रिमंडल
शिक्षक भर्ती के कोटे में बदलाव भी
कर सकता है। एनटीटी कर चुकी
महिलाएं बीते लंबे समय से उन्हें ही
इन स्कूलों में नियुक्ति देने की मांग
कर रही हैं। उधर, आंगनबाड़ी वर्कर
भी नियुक्ति की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। दोनों ही संगठनों की
ओर से विधानसभा के बजट सत्र के
दौरान प्रदर्शन भी किए थे। ऐसे में
विभागीय अधिकारियों ने नर्सरी
टीचर ट्रेनिंग करने वालों के साथ
आंगनबाड़ी वर्करों को भी भर्ती में
शामिल करने का फैसला लिया है।
विभागीयय अधिकारियों की ओर से
तैयार किए जा रहे प्रस्ताव में दस
विद्यार्थियों से अधिक संख्या वाले
स्कूलों में शिक्षक भर्ती करने और
शिक्षकों के लिए आयु सीमा 18 से
45 वर्ष तय करने की सिफारिश भी
की जा रही है। बैठक में समग्र शिक्षा
अभियान के राज्य परियोजना
निदेशक डॉ. वीरेंद्र शर्मा, महिला एवं
बाल विकास निदेशक राखिल
काहलो सहित कई अन्य
अधिकारी मौजूद रहे।