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09 जनवरी 2021

हिमाचल में 27 जनवरी से खुलेंगे स्कूल, मंत्रीमंडल की मंजूरी का इंतजार

21 को पंचायत चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही खुलेंगे स्कूलों के ताले 

 25-26 को है सरकारी छुट्टी, सैनिटाइजेशन का काम भी इसी बीच होगा 

हिमाचल में 27 जनवरी से दसवीं और बारहवीं बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खुल सकते हैं। प्रदेश में दोबारा स्कूलों को खोलने की शुरुआत ग्रीष्मकालीन पाठशालाओं से की जाएगी। उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रस्ताव बनाकर राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजने की तैयारी कर ली है।


 शीतकालीन जिलों के स्कूलों को फरवरी के पहले सप्ताह में मौसम की स्थिति को देखकर खोलने का फैसला लिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने पड़ोसी राज्यों की एसओपी को स्टडी करने के बाद 27 जनवरी से नियमित पढ़ाई करवाने का फैसला लिया है। 


अधिकारियों का कहना है कि 21 जनवरी तक पंचायत चुनाव में शिक्षक व्यस्त रहेंगे। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्कूलों को सैनिटाइज किया जाएगा। 25 और 26 जनवरी को सरकारी छुट्टी है। ऐसे में 27 जनवरी से ग्रीष्मकालीन जिलों में बोर्ड कक्षाओं की पढ़ाई शुरू करवाई जा सकती है।



 उल्लेखनीय है कि बीते दिनों प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों के साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ऑनलाइन संवाद के बाद शिक्षा विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है। ऑनलाइन संवाद के दौरान अधिकांश विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री से स्कूलों को जल्द खोलने की मांग की थी। विद्यार्थियों ने तर्क दिया था कि ऑनलाइन पढ़ाई के कारण कई कंसेप्ट क्लीयर नहीं हो पा रहे हैं। 


ऐसे में सरकार को वार्षिक परीक्षा से पहले कम से कम 2 महीने पूर्व स्कूलों को खोलना चाहिए। ऑनलाइन संवाद के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूलों को खोलने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए थे।


एनएचपीसी में 51 पदों पर भर्ती, आवेदन आफलाइन

एनएचपीसी लिमिटेड ने 51 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। यह भर्तियां इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक और फायरमैन ट्रेड्स में अप्रैटिस के लिए हैं। योग्य व इच्छुक उम्मीदवार विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर ऑनलाइन या बताए गए माध्यम के जरिए आवेदन कर सकता है। 


 अपेंटिस के इन पदों के लिए 10वीं पास भी आवेदन कर सकते हैं। दसवीं पास के साथ उम्मीदवारों के पास संबंधित ट्रेंड में आईटीआई डिग्री होना अनिवार्य है। 



आवेदन करने की अंतिम तिथि पहली फरवरी, 2021 रखी गई है। उम्मीदवार की अधिकतम आयु 30 साल और न्यूनतम आयु 18 साल होनी चाहिए।



 अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों को पांच साल और अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को तीन साल नियमानुसार छूट दी जाएगी। 


 विभाग की ओर से इस भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए उम्मीदवारों के पास 10वीं पास और संबंधित ट्रेड में आईटीआई मांगा गया है। 

 सिर्फ हिमाचल प्रदेश के मूल निवासी ही इस भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं। उम्मीदवारों को आवेदन करने से पहले ऑफिशियल नोटिफिकेशन पढ़ने की सलाह दी जाती है।



 आवेदन भेजने का पता उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) पार्वती-111 पावर स्टेशन, ग्राम- बिहाली, पोस्ट ऑफिस लारजी, जिला- कुल्लू, हिमाचल प्रदेश, पिन कोड- 175122


आर एंड पी नियमों से भर्ती करे सरकार : हाईकोर्ट

 

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सचेत किया कि वह इस संबंध में सतर्क रहें और यह सुनिश्चित करें कि विज्ञापन केवल भर्ती और पदोन्नति नियमों के अनुसार ही जारी हो। वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अदालत आश्वासन दिया कि इस संबंध में आवश्यक निर्देश सभी काउंसिल विभागों को जारी कर दिए जाएंगे।



 न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता 2011 के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के संदर्भ में जारी रेडियोग्राफर के पद पर नियुक्ति के लिए विचार किए जाने के लिए पात्र हैं, जो विज्ञापन की तारीख को अस्तित्व में थे। 



याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार रेडियोग्राफर के 154 पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रतिवादी आयोग द्वारा याचिका कर्ताओं को पैरा मेडिकल कांसल में पंजीकरण की शर्त के चलते अयोग्य ठहराना कानूनी तौर पर गलत होगा विशेषतया जब यह शर्त नियमों का हिस्सा नहीं थी। 



न्यायालय ने प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को आदेश दिए कि वे याचिका कर्ताओं को रेडियोग्राफर के पद पर नियुक्ति देने के लिए विचार करें। न्यायालय ने कहा कि आयोग याचिकाकर्ताओं को इन पदों के लिए कंसीडर करते हुए चयन प्रक्रिया को इसके तार्किक निष्कर्ष पर ले जाये। उनकी नियुक्ति आयोग द्वारा निर्धारित मापदंडों पर निर्धारित की जाएगी।

ओपन स्कूल से डीएलएड करने वालों को जेबीटी नौकरी देने का विरोध

केंद्र के शिक्षा मंत्रालय की ओर से डीएलएड के लिए जारी आदेशों का विरोध शुरू हो गया है। एनआईओएस यानी नेशनल नेशनल , इंस्टीटूट ऑफ ओपन स्कूल से डीएलएड करने वाले हजारों अभ्यर्थी अबरही है तो शिमला में जो डाईट सेंटर चल रहे हैं उन्हें बंद कर दिया जाए।



 ऐसे जेबीटी अभ्यर्थी जो ओपन स्कूल से केवल 7 दिन पढ़ाई कर जेबीटी के लिए पात्र हो जाते हैं बाकि छात्र दो साल पढ़ाई के लिए क्यों बर्बाद करें। सरकार पहले ही जेबीटी के पदों पर भर्तियां नहीं कर रही है और ऐसे में नए आदेश जारी कर जेबीटी प्रशिक्षुओं साथ यह अन्याय किया जा रहा है। 


हाल ही में केंद्र सरकार ने इस बारे में राज्य सरकार को पत्र जारी किए हैं। इसमें बाहरी राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का हवाला दिया गया जेबीटी के पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन डाइट सेंटर से दो साल की डिग्री करने वाले जेबीटी प्रशिक्षुओं ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। 



उन्होंने कहा कि सरकार अगर ओपन स्कूल और डाईट स्कूल को बराबर का दर्जा दे है। प्रदेश के कई छात्र ऐसे हैं जो सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने के साथ एनआईओएस से डीएलएड का डिप्लोमा भी करते हैं। लेकिन इनकी नियुक्ति को लेकर विवाद रहे हैं। अब केंद्र ने साफ किया है कि उनका यह डिप्लोमा हिमाचल में नौकरी के लिए मान्य होगा। 




प्रदेश में जेबीटी के 1428 के करीब पदों को भरा जाना है। कोड ऑफ कंडक्ट के बाद इसके ले जिला स्तर पर काउंसलिंग होनी है। इसमे 50 फीसदी पद हमीरपुर चयन आयोग की ओर से भरे जाने है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग को इस बारे जल्द ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के आदेश जारी किए गए है।

08 जनवरी 2021

पंचायत सचिव भर्ती : एचपीयू को फीस कम करने के आदेश

 

जिला परिषद कैडर के तहत पंचायत सचिव के 239 पदों के लिए तय की गई फीस को आखिरकार कम करने के आदेश जारी हो गए हैं। पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर के आदेशों के बाद पंचायती राज विभाग ने 6 जनवरी को फीस कम करने के लिए एचपीयू को पत्र लिखा है। 


हालांकि इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है। मामला दोबारा ये विवि की कार्यकारी परिषद यानी ईसी में रखा जा रहा है, जहां 1200 रुपये की भारी फीस तय हुई थी। अब एचपीयू का कहना है कि फीस ईसी यानि कार्यकारी परिषद ने तय की है तो कम करने को लेकर भी ईसी की ही परमिशन लेनी होगी।


 इसके लिए या तो बैठक बुलानी होगी या फिर ईसी को कुलपति के माध्यम से सूचित करना होगा। उसके बाद ही यह फीस कम होगी।


 दूसरी ओर एचपीयू स्वयं को स्वायत्त संस्था होने का भी दावा कर रही है, लेकिन यह साफ है कि सरकार की ओर से लिखित आदेश जारी होने के बाद अब एचपीयू को हर हाल में यह फीस कम करनी होगी। 


पंचायती राज विभाग के पंचायत सचिव के 239 पदों पर भर्ती के लिए एचपीयू भर्ती करवा रहा है। आवेदन ऑनलाइन लिए जा रहे हैं और शुल्क सामान्य श्रेणी के लिए 1200 रुपये रखा गया है।



 पंचायत सचिव के लिए ली गई फीस का निर्णय ईसी ने ही लिया था। हालांकि मंत्री के आदेश के बाद विभाग की ओर से फीस कम करने को पत्र मिला है। फिलहाल फीस कम नहीं की गई है। अब ईसी ही इसमें फैसला लेगी। -सुनील शर्मा, रजिस्ट्रार एचपीयू

HPU में बिना एंट्रेंस टैस्ट परीक्षाएं, गैर कानूनी : हाईकोर्ट

प्रदेश हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी द्वारा एंट्रेंस टेस्ट आधारित कोसों में मौजूदा सत्र के लिए बिना एंट्रेंस टेस्ट के दाखिलों को मनमाना और गैरकानूनी ठहराया है। परंतु कोर्ट ने बड़ी संख्या में छात्रों के भविष्य को देखते हुए दाखिला ले चुके छात्रों के दाखिले रद करने से इनकार कर दिया। 



न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले का निपटारा करते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन को आदेश दिए कि वह एक सप्ताह के भीतर पूरा मामला एक्सिक्यूटिव कॉउंसिल के समक्ष रखे। उसके बाद 3 सप्ताह के भीतर कोर्ट ने एक्सिक्यूटिव काउंसिल को भी मामले से जुड़े सभी पहलुओं पर उचित निर्णय लेने में को कहा है। यह निर्णय चाहे दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का हो या भविष्य में कोरोना महामारी जैसे हालातों को देखते हुए छात्रों के दाखिलों के तौरतरीकों से जुड़ा हो। 


कोर्ट ने यह सारा मामला एक सप्ताह के भीतर यूजीसी के समक्ष रखने के  आदेश भी दिए। मामले के अनुसार प्राथीं शिवम ठाकुर ने एंट्रेंस टेस्ट आधारित कोर्सेज में बिना एन्ट्रेस टेस्ट लिए दाखिलों को गैरकानूनी ठहराए जाने और दाखिलों को रद करने की मांग की थी।


 यूनिवर्सिटी का कहना था कि कोरोना संकट को देखते हुए और यूजीसी की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए सत्र 2020-21 के लिए कुछ कोसों के दाखिले एंट्रेंस टेस्ट की बजाय अंतिम परीक्षा में मेरिट के आधार पर करवाए गए। कोर्ट ने पाया कि यूनिवर्सिटी के पास पर्याप्त समय था कि वह यूजीसी द्वारा तय समय सीमा के भीतर एंट्रेंस टेस्ट करवाकर दाखिले कर सकती थी।


 कोर्ट ने यह भी पाया कि यूनिवर्सिटी ने वर्ष 1990 के दौरान कुछ कोर्सेज में दाखिले एंट्रेंसटेस्ट द्वारा ही करवाए जाने का निर्णय लिया था जो आज तक लागू है। फिर भी उस निर्णय में बिना बदलाव किए इस बार बिना एंट्रेंस टेस्ट के दाखिले दे दिए गए, जो न केवल मनमाना है, बल्कि गैरकानूनी भी है।

2003 से 2017 के बीच रिटायर मुलाजिमों को मिलेगी ग्रेच्युटी

हिमाचल सरकार ने 15 मई, 2003 से 18 सितंबर, 2017 के बीच सेवानिवृत्त एनपीएस कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की अधिसूचना जारी कर दी है। वित्त विभाग ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं, जिसके बाद 7000 से ज्यादा कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।

 गौरतलब है कि वर्ष 2003 से 2017 के बीच के कर्मचारियों के लिए सरकार ने पिछले बजट सत्र के दौरान घोषणा की थी कि इन कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाएगा, जबकि इसके बाद के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी पहले से ही मिल गई थी। 


पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने 15 मई, 2003 से 18 सितंबर, 2017 के बीच सेवानिवृत्त व मृत हुए एनपीएस कर्मचारियों हेतु मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी (डीसीआरजी) की अधिसूचना जारी करने बारे प्रदेश सरकार का आभार प्रकट किया है। इस मुद्दे पर पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा लगातार प्रयासरत था, लेकिन दो दिसंबर, 2020 को अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद कुमार व पेंशन संयुक्त मोर्चा के राज्य महामंत्री एलडी चौहान ने संयुक्त तौर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना से मुलाकात की थी। 


मोर्चा ने वित्त सचिव के समक्ष बात रखी थी कि प्रदेश में वर्तमान में लगभग पांच हजार के करीब सेवानिवृत्त व मृत कर्मी इस अधिसूचना के दायरे में आएंगे । इन सभी मामलों में ग्रेच्युटी कम बनती है, क्योंकि इनका नियमित सेवाकाल कम ही बनता है, इसलिए इतना ज्यादा वित्तीय बोझ सरकार पर नहीं पड़ेगा।



 एलडी चौहान ने कहा कि अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार द्वारा मोर्चा के साथ खड़े होने की वजह से यह संभव हो पाया है, क्योंकि सरकार किसी भी राजनीतिक दल की हो, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ को विशेष तौर पर तवज्जो दी जाती है। उधर, नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने इस पर सरकार का आभार भी जताया है। संगठन के मुख्य संस्थापक नरेश ठाकुर, महासचिव भरत शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सौरभ वैद, महिला विंग अध्यक्ष सुनेश शर्मा, कोषाध्यक्ष शशि पाल शर्मा, संविधान पर्यवेक्षक श्याम लाल गौतम, महिला विंग वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनीता चौहान इत्यादि ने सामूहिक बयान में कहा है कि सरकार का यह बहुत ही सराहनीय फैसला है, क्योंकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए यह बहुत बड़ी राहत है। सभी ने सामूहिक बयान में कहा कि नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश में लगातार पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रयासरत है।

07 जनवरी 2021

ओपन स्कूल से डीएलएड करने वाले जेबीटी भर्ती के लिए योग्य

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल से डीएलएड करने वाले हजारों अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है। ऐसे अभ्यर्थी भी प्रदेश में जेबीटी भर्ती के लिए पात्र होंगे।


 केंद्र सरकार ने इस बारे में राज्य सरकार को पत्र जारी किए हैं। इसमें बाहरी राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का हवाला दिया गया है। 


प्रदेश के कई छात्र ऐसे हैं, जो सरकारी और निजी सेक्टर में काम करने के साथ एनआईओएस से डीएलएड का डिप्लोमा भी करते है। 

लेकिन इनकी नियुक्ति को लेकर विवाद रहे है। अब केंद्र ने ने साफ किया है कि उनका यह डिप्लोमा हिमाचल में आदेश नौकरी के लिए मान्य भरे होगा। 



प्रदेश में जेबीटी के 1428 के करीब पदों को भरा जाना है। कोड ऑफ कंडक्ट के बाद इसके लिए जिला स्तर पर काउंसलिंग होनी है। इसमें 50 फीसदी पद हमीरपुर चयन आयोग की ओर से भरे जाने हैं। 



 प्रारंभिक शिक्षा विभाग को इस बारे जल्द ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के आदेश जारी किए गए हैं।


जिला न्यायालय सिरमौर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की रैगुलर भर्ती, आवेदन मांगे


Recruitment of Peon / chowkidar in the Office of  Distt and Session Judge Sirmaur. 


As per "The Himachal Pradesh Subordinate Court Staff (Recruitment, Promotion and Conditions of Service), Rules, 2012, applications in offline mode are hereby invited by this office, on the format Annexure (  given below) , from the eligible and desirous Indian Citizens, between the age of 18 and 45 years as on 01.01.2021, for filling up the 04 vacant posts of Class-IV (Peon/Orderly/Chowkidar) (on regular basis)in the establishment of this Civil and Sessions Division.


 However, in case, candidate belongs to scheduled caste, scheduled tribe and other backward classes, upper age limit shall be the same as may be prescribed by the State Government for entry into service from time to time for such candidates.


The applications complete in all respect should reach this office on or before 10.02.2021, on the format Annexure

Name of posts: Peon/Chowkidar ( Regular basis) 
 No. of  Posts 04
Age : 18 to 45 years 
Qualification : MATRICULATION
PAY : 4900-10680 Plus grade pay 1300
How to apply offline on the proforma below 
Last date : 10-02-2021


2. The appointment/selection for the above posts shall be made on the basis of viva-voce/personal interview. 


3. The applications, duly complete in all respects and supported by identity proof, certified/attested photocopies of relevant documents in support of age, qualification, category, experience etc. should reach this office within the stipulated date and the applications incomplete/received late will not be entertained and shall be rejected without any intimation to the candidate concerned.


 4. The appointment/selection for the aforesaid posts will be made on the basis of viva voce/interview to be conducted by this office and no TA/DA shall be admissible for appearing in the same.


 Note:-Candidates may visit the website of Distt. Court Sirmaur. https://districts.ecourts.gov.in/sirmaur

असिस्टेंट प्रोफेसर के 65 पदों पर भर्ती, नोटिफिकेशन जारी, आवेदन आनलाइन

Hansraj College, University of Delhi invites Online applications for the post of Assistant Professors at the web link https://colrec.du.ac.in/ in the following departments at Rs. 57,700/- in Pay Matrix Level-10 (as per VII Pay Commission) plus usual allowances as admissible under the rules of University of Delhi from time to time. 

Persons with Benchmark Disabilities (PwBD) may approach the help desk set up at the College in case they require any assistance in filling up the application form. 


The last date for receipt of application is within three weeks from the date of publication of the advertisement in the Employment News.


Name of post : Assistant professor
Total posts :  65
Pay scale : 57700+ allowances 
Qualification Details click here 

How to apply : Online 
Link for apply online click here 



Official Notification download here 


Important Note:
1. The details regarding qualification, publication, experience, screening guidelines and indicative proforma, etc. are available on the college website https://www.hansrajcollege.ac.in along with this advertisement. The applicants
are required to read these details before filling up the form.
2. Any addendum/corrigendum shall be posted only on the College website.



06 जनवरी 2021

मेरी लाडी जो बणाई दियो प्रधान

 

चम्बा: ऐ दसा इसे बरी चुनावा रा के माहौल ऐ। कुण खड़ींदा ते कुण बैंहदा ऐ। के पता अरा मेरी सुनणी इक बैठक सदी लिंदे ते पता लगी जाणा जे कुण ऐ खड़ींदा ते कुण नि बैठक बिच। सदे रे मणु का पुछेया कुनी प्रधान बणना सब बोलदे मैं बनणा मैं बनणा। ता जिनी बैठक थी सदेरी से बोलदासारे तुसी प्रधान बनी जाणाता वोट कुनी देणे तुसां जो ता बिचकाइक मणुबोलदा मेरी लाड़ी जो बी प्रधान बणाई देयो। 

ता सरपंच बोलदा दस तेरी लाड़ी कितणी ऐपढ़ेरी।चाचा चौथी बिच स्कूल छडी दितेया थिया। चरपंच बोलदा सुण यरा इयां करदे अपणे दोस्तां जो खडेरी दिदे। तिस कने इना सबनी रे वोट बी कटी जाणे ते कुसकी तिसरे ई जीती जाणा। ते किछ नी हुन्दा रिश्तेदारी ते ग्रां चलदा रैन्दा ता दूजा बोलदा न चाचा इयां नी करणा चुनाव दो रोज हीन ते तिसका बाद अपणा परिवार ते ग्रां ते रिश्तेदार ई कमा इणे तू चुनावा रे चक्करा बिच ऐ मत भूली जांदा जे चुनाव जितणे रे बाद कोई कुसेरा नी हुन्दा ।


 इस चुनावी चर्चा में लोग बात कर रहे हैं कि बताओ चुनावों का माहौल कैसा है। प्रधानी केलिए कौन खड़ा हो रहा है और कौन बैठ रहा है तो दूसरा बोलता क्या पता ऐसा करते हैं एक बैठक बुला लेते हैं उससे पता लग जाएगा कौन खड़ा हो रहा है और कौन नहीं तो अगले दिन बैठक बुलाई जाती है। सभी से पूछते हैं कि इस बार प्रधान के लिए कौन खड़ा हो रहा है तो सभी कहते हैं हम खड़े हो रहे हैं तभी एक व्यक्ति कहता है कि आप सभी खड़े हो जाएंगे तो आपको वोट कौनदेगा। 

तोउसी बीच एक व्यक्ति कहता है कि मेरी पत्नी कोप्रधान बनादो तोलोग कहते हैं कि बता तेरी पत्नी कितनी पढ़ी है तभी वह व्यक्ति कहता है कि चौथी में ही स्कूल छोड़ दिया था। इन सारी हरकतों के देख के सरपंच सोचता क्यों न मैं ही इसका फायदा उठाता हूं तभी वह अपने दोस्त को कहता है कि यह क्या चुनाव लड़ेंगे। 


 मैं अपने दोस्त को खड़ा कर देता हूं रिश्तेदारी और गांव तो चलता रहेगा। तभी दूसरा व्यक्ति कहता है ऐसा नहीं है चाचा चुनाव तो दो दिन के हैं खत्म हो जाएंगे और परिवार, गांव और रिश्तेदारी उम्र भर चलेगी और चुनावों के चक्करों में यह मत भूल जाना कि जीतने के बाद कोई किसी का नहीं होता है।


परीक्षा के लिए करें याद : देशी गाय के दूध में सोना, गोहत्या के कारण आते है भूकंप

 

देशी गाय के दूध में सोने के अंश हैं और गाय की हत्या की वजह से भूकंप आते हैं, कुछ इस तरह का अनोखा ज्ञान गउओं के संरक्षण के लिए बनी राष्ट्रीय संस्था की ओर से तैयार सिलेबस में दिया जा रहा है।

 25 फरवरी को इसकी पहली ऑनलाइन परीक्षा होने जा रही है। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के सिलेबस में कहा गया है कि कई सालों तक हर दिन हजारों जानवरों को काटे जाने से मरते हुए जानवरों की कराह से दर्द की लहरें पैदा होती हैं और इनका चट्टानों पर असर होता है। 


गाय के गोबर से हानिकारक गैसों के बेअसर होने का दावा करते हुए कहा गया है कि 1984 में भोपाल में गैस लीक से 20 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई, लेकिन गाय गोबर से लीपे गए घरों में रहने वाले लोगों पर इसका असर नहीं हुआ।



 सिलेबस में कहा गया है कि देशी गाय बलशाली होती हैं और इतनी बुद्धिमान होती हैं कि गंदे जगहों पर नहीं बैठतीं, जबकि जर्सी गउएं आलसी होती हैं और बीमार होने का खतरा बना रहता है।


 जब भी कोई व्यक्ति देशी गाय के नजदीक आता है, तो वह तुरंत खड़ी हो जाएगी, जबकि दूसरी गउएं कोई भावना नहीं दिखाती हैं। अधिकारियों ने बताया कि कामधेनु गौ-विज्ञान प्रचार-प्रसार परीक्षा में परीक्षार्थियों से सिलेबस के आधार पर बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। 


प्राइमरी, मिडिल स्कूल, सेकेंडरी और कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए अलग-अलग कैटेगरी की परीक्षा होगी। जो विद्यार्थी परीक्षा पास करेंगे, उन्हें गाय विशेषज्ञ का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यों के शिक्षा मंत्री, सभी राज्यों के गौ सेवा आयोग के चेयरमैन, जिला शिक्षा अधिकारी, सभी स्कूलों के प्रिंसिपल, मीडिया, एनजीओ और गोदानकर्ता इस अभियान (परीक्षा) में शामिल होंगे।

सीएम साहब स्कूल खोल दो

 

नौ माह तक घर में कैद छात्रों के सब्र का बांध अब टूट गया है। छात्र भी चाहते है कि वे अपने दोस्तों के साथ स्कूल आकर पढ़ाई करें। बुधवार को सीएम जयराम ठाकुर के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर राज्य के दो हजार छात्रों ने मन की बात कही। छात्रों ने कहा कि ऑफलाइन पढ़ाई ऑनलाइन की तुलना में काफी बेहतरीन है। मुख्यमंत्री ने छात्रों से ऑनलाइन पढ़ाई कैसी हो रही है और साथ ही आगे की शिक्षा कैसी होनी चाहिए, इस बारे में पूछा और सुझाव लिए। इस दौरान लक्क्कड़ बाजार स्कूल शिमला की छात्रा भूमिका गुप्ता ने बताया कि वह इंजीनियर बनना चाहती हैं। ऑफलाइन शिक्षा ऑनलाइन से ज्यादा बेहतर है और परीक्षा से पहले स्कूल खुलने चाहिएं। बिलासपुर से भावना धीमान ने मुख्यमंत्री से परीक्षाओं से दो माह पूर्व ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने का आग्रह किया। चंबा के छात्र करुण कुमार ने राजकीय पाठशालाओं विशेषकर राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया।

जल्द खुल सकते हैं स्कूल - कालेज

 

हिमाचल प्रदेश में 15 फरवरी के बाद स्कूलों को खोलने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि अब अभिभावक भी फाइनल परीक्षाओं से पहले स्कूलों को खोलना चाहते हैं। यही वजह है कि सरकार व शिक्षा विभाग एक बार फिर से स्कूलों को खोलने के लिए संभावनाओं को तालाशने लगे हैं।


 सभी जिला उपनिदेशकों से भी ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने को लेकर सुझाव मांगे हैं। वहीं कहा है कि अगर स्कूलों में छात्रों को बुला लिया जाता है, तो जिला स्तर के साथ ही स्कूल प्रबंधन की क्या तैयारी है। 



शिक्षा विभाग स्कूलों में कक्षाएं शुरू करने से पहले कोविड को लेकर प्रशासन की क्या तैयारी है, साथ ही छात्रों को सोशल डिस्टैंसिंग में बैठाने की व्यवस्था भी की गई है, इस पर शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों से रिपोर्ट मांगी है। अहम यह है कि स्कूलों में छात्रों की रेगुलर कक्षाएं शुरू करने से पहले शिक्षा विभाग जिला उपनिदेशकों के माध्यम से अभिभावकों की इस पर क्या राय है, यह भी लेगा। 



हालांकि इसके लिए 31 जनवरी तक का समय अभिभावकों के पास है। सभी अभिभावकों के सुझाव को देखते हुए ही शिक्षा विभाग स्कूलों में कक्षाएं लगाएंगे। जानकारी के अनुसार उससे पहले विभाग की ओर से की गई तैयारियों में एक क्लास रूम में कैपेसिटी के 50 प्रतिशत कम छात्र बैठेंगे। 



इसके साथ ही स्कूलों में छात्रों को सेनेटाइजिंग थर्मल स्कैनिंग, मास्क व हर एक घंटे बाद हाथ धोना अनिवार्य किया जाएगा। विभाग की प्लानिंग है कि अगर स्कूल खुल जाते हैं, तो छात्रों के बीच दो गज की दूरी रखी जाएगी।

पंजाब सरकार ने स्कूल खोले, लेकिन जिम्मेदारी पेरेंट्स की

 

पंजाब सरकार ने आज पांचवी से लेकर 12वीं कक्षाओं तक स्कूलों को खोलने की अनुमति जारी कर दी है लेकिन नोटिफिकेशन में साफ-साफ लिखा है कि माता-पिता की सहमति के साथ ही बच्चे स्कूल में हाजिर हो पाएंगे ।


पंजाब सरकार का फैसला 5 वीं से 12 वीं तक खुले स्कूल

  स्कूल शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने बुधवार को कहा कि माता-पिता की लगातार मांग के बाद, राज्य सरकार ने 7 जनवरी से सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और निजी स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। श्री सिंगला ने कहा कि स्कूलों का समय सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक होगा और केवल कक्षा V से XII तक के छात्रों को स्कूलों में  कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। 


 श्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपनी सलाह देते हुए उन्हें निर्देश दिया कि कोविद -19 महामारी के बीच बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सीएम के निर्देशों का पालन करते हुए, सभी स्कूल प्रबंधनों को सरकार के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करने के लिए कहा गया है, जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोनोवायरस के संकुचन के खतरे को रोकने के लिए विशेष रूप से जारी की गई है। कै




बिनेट मंत्री ने बताया कि शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रमुखों से फीडबैक लिया है और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा, उन्होंने छात्रों के अंतिम संशोधन के लिए विभाग को वार्षिक परीक्षाओं से पहले स्कूलों को फिर से खोलने का सुझाव भी दिया है। "सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले साल 07 नवंबर को बारहवीं कक्षा के छात्रों को स्मार्ट फोन वितरण की एक मेगा इवेंट की अध्यक्षता करते हुए" मिशन शतप्रतिशत '' लॉन्च किया था। घोषणा के बाद, पूरे शिक्षा विभाग, विशेष रूप से स्कूल के शिक्षकों, को अत्याधुनिक स्तर पर समर्पित प्रयासों में लगाकर सीएम के दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने के लिए तैयार किया गया है



 Information and Public Relations Department, Punjab


Schools in Punjab to reopen for physical classes for students of V to XII from January 7: Vijay Inder Singla


School education minister directs all school managements to strictly comply Covid-19 precautions


Chandigarh, January 6:


Punjab school education minister Mr. Vijay Inder Singla, on Wednesday, said that following the persistent demand of parents, the state government has decided to reopen all government, semi-government and private schools from January 7 onwards. Mr. Singla said that the timings of the schools will be from 10 am to 3 pm and students only from class V to XII will be allowed to attend physical classes in the schools.


Mr. Vijay Inder Singla said that while giving his nod, Chief Minister Captain Amarinder Singh directed them to ensure the safety of the children amid Covid-19 pandemic. He added that following the directions of the CM, all school managements have been asked to strictly comply with the directions of the government specially advisory issued by the health department to avert the threat of contraction of coronavirus.


The cabinet minister informed that the education department had taken feedback from the school heads and besides ensuring safety of the children, they have also suggested the department to reopen the schools before the annual exams for final revision of the students.


"CM Capt. Amarinder Singh has launched "Mission Shat Pratishat '' while presiding over a mega event of Smart Phone distribution to the students of class XII on November 07, last year. After announcement, the whole education department, specially the school teachers, have been geared up to turn the vision of the CM into reality by putting in dedicated efforts at the cutting edge level," the Education Minister further added while lauding the teachers for acting as real Corona warriors to provide quality education facilities to the students.

05 जनवरी 2021

100 में से 103 नंबर

आउटसोर्स से की जाएगी नर्सों की भर्ती

 

राज्य में कोविड-19 की परिस्थिति के दृष्टिगत मंत्रिमण्डल ने आईजीएमसी शिमला, सीएचसी नालागढ़ और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा मं मेक शिफ्ट अस्पतालों को कार्यशील बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए वार्ड सिस्टर, स्टाफ नसों, डीईओज और चतुर्थ श्रेणी को कुछ समय के लिए आउट सोर्स आधार पर जबकि चिकित्सा अधिकारियों की व्यवस्था फ्रेश अथवा सीधे वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से की जाएगी।

कैबिनेट फैसले : नाइट कर्फ्यू खत्म, छह दिन खुलेंगे दफ्तर

 हिमाचल प्रदेश राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आज यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। मंत्रिमंडल ने भारत में कोरोना वैक्सीन के प्रयोग को अनुमति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करने के लिए प्रस्ताव पारित किया।

 इससे भारत विश्व के अन्य देशों में अग्रणी बना है। मंत्रिमण्डल ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वैक्सीन के उत्पादन के लिए देश के वैज्ञानिकों का भी आभार व्यक्त किया। 


मंत्रिमण्डल ने अमेरिका की डेटा फर्म मॉर्निंग कंसल्ट द्वारा देश में कोविड-19 महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ और सबसे लोकप्रिय राजनेता आंके जाने पर बधाई दी है। 


 मंत्रिमण्डल ने शिमला, कांगड़ा, मण्डी और कुल्लू जिलों में लगाए गए रात्रि क्प्रन्यू को हटाने और प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में पहले की तरह छः दिन के कार्य दिवस को बहाल करने का निर्णय लिया।


 मंत्रिमण्डल ने राज्य में प्रशिक्षण कक्षाओं को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया। इसके लिए राज्य शिक्षा विभाग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जाएगी। 


 राज्य निर्वाचन आयोग के आग्रह पर मंत्रिमण्डल ने आंतरिक बैठकों में 50 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं देने की शर्त में छूट देने का निर्णय लिया है। इससे आयोग को चुनाव से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रभावी तरीके से चलाने में मदद मिलेगी। 


 राज्य में कोविड-19 की परिस्थिति के दृष्टिगत मंत्रिमण्डल ने आईजीएमसी शिमला, सीएचसी नालागढ़ और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा मं मेक शिफ्ट अस्पतालों को कार्यशील बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए वार्ड सिस्टर, स्टाफ नसों, डीईओज और चतुर्थ श्रेणी को कुछ समय के लिए आउट सोर्स आधार पर जबकि चिकित्सा अधिकारियों की व्यवस्था फ्रेश अथवा सीधे वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से की जाएगी। 





भविष्य में कोविड की परिस्थिति के दृष्टिगत एचएलएल के प्रस्ताव को अस्थगित रखने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिमण्डल ने राज्य में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, हिम केयर योजना और राजकीय चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निजी अस्पतालों के पंजीकरण हेतु सिंगल विंडो एम्पेन्लमेंट शुरू करने को भी स्वीकृति प्रदान की। मं


त्रिमण्डल के समक्ष बागवानी विभाग ने मार्च, 2021 तक छ: माह के लक्ष्यों और अप्रैल, 2021 से मार्च, 2022 तक के लक्ष्यों के बारे में प्रस्तुति दी। इस अवसर पर पशु पालन विभाग ने भी एवियन इन्फ्लुएंजा के बारे में प्रस्तुति दी। मंत्रिमण्डल ने स्वास्थ्य और पशु पालन विभाग को एवियन फ्लू की उचित दवाओं और कर्मचारियों के लिए पीपीई किट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का परामर्श दिया। मंत्रिमण्डल ने उपायुक्त जिला कांगड़ा द्वारा आवागमन के लिए लगाए गए प्रतिबन्धों की सख्ती से अनुपालना करने की सलाह दी है । 


हिमाचल कैबिनेट मीटिंग 5 जनवरी, पढें आफिसियल जानकारी

हिमाचल प्रदेश राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आज यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। मंत्रिमंडल ने भारत में कोरोना वैक्सीन के प्रयोग को अनुमति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करने के लिए प्रस्ताव पारित किया।
 इससे भारत विश्व के अन्य देशों में अग्रणी बना है। मंत्रिमण्डल ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वैक्सीन के उत्पादन के लिए देश के वैज्ञानिकों का भी आभार व्यक्त किया। 


मंत्रिमण्डल ने अमेरिका की डेटा फर्म मॉर्निंग कंसल्ट द्वारा देश में कोविड-19 महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ और सबसे लोकप्रिय राजनेता आंके जाने पर बधाई दी है। 


 मंत्रिमण्डल ने शिमला, कांगड़ा, मण्डी और कुल्लू जिलों में लगाए गए रात्रि क्प्रन्यू को हटाने और प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में पहले की तरह छः दिन के कार्य दिवस को बहाल करने का निर्णय लिया।


 मंत्रिमण्डल ने राज्य में प्रशिक्षण कक्षाओं को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया। इसके लिए राज्य शिक्षा विभाग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जाएगी। 


 राज्य निर्वाचन आयोग के आग्रह पर मंत्रिमण्डल ने आंतरिक बैठकों में 50 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं देने की शर्त में छूट देने का निर्णय लिया है। इससे आयोग को चुनाव से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रभावी तरीके से चलाने में मदद मिलेगी। 


 राज्य में कोविड-19 की परिस्थिति के दृष्टिगत मंत्रिमण्डल ने आईजीएमसी शिमला, सीएचसी नालागढ़ और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा मं मेक शिफ्ट अस्पतालों को कार्यशील बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए वार्ड सिस्टर, स्टाफ नसों, डीईओज और चतुर्थ श्रेणी को कुछ समय के लिए आउट सोर्स आधार पर जबकि चिकित्सा अधिकारियों की व्यवस्था फ्रेश अथवा सीधे वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से की जाएगी। 





भविष्य में कोविड की परिस्थिति के दृष्टिगत एचएलएल के प्रस्ताव को अस्थगित रखने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिमण्डल ने राज्य में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, हिम केयर योजना और राजकीय चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निजी अस्पतालों के पंजीकरण हेतु सिंगल विंडो एम्पेन्लमेंट शुरू करने को भी स्वीकृति प्रदान की। मं


त्रिमण्डल के समक्ष बागवानी विभाग ने मार्च, 2021 तक छ: माह के लक्ष्यों और अप्रैल, 2021 से मार्च, 2022 तक के लक्ष्यों के बारे में प्रस्तुति दी। इस अवसर पर पशु पालन विभाग ने भी एवियन इन्फ्लुएंजा के बारे में प्रस्तुति दी। मंत्रिमण्डल ने स्वास्थ्य और पशु पालन विभाग को एवियन फ्लू की उचित दवाओं और कर्मचारियों के लिए पीपीई किट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का परामर्श दिया। मंत्रिमण्डल ने उपायुक्त जिला कांगड़ा द्वारा आवागमन के लिए लगाए गए प्रतिबन्धों की सख्ती से अनुपालना करने की सलाह दी है । 

04 जनवरी 2021

BREAKING : TET परीक्षा में मिलेंगे ग्रेस अंक,

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की गई अध्यापक पात्रता परीक्षा के कुछ विषयों की कुछ सीरीज में परीक्षार्थियों को ग्रेस अंक मिलेंगे।

इन विषयों में ड्रर्द, टी.जी.टी. मैडीकल व पंजाबी शामिल हैं। उर्दू विषय में सीरीज ए, बी, सी और डी. में एक- एक ग्रेस अंक दिया जाएगा। टी.जी.टी. मैडीकल में सीरीज ए, बी, सी और डी में एक-एक अंक ग्रेस के रूप में परीक्षार्थियों को मिलेगा। पंजाबी में चारों सीरीज में 2- 2 अंक ग्रेस के रूप में मिलेंगे।


 उत्तरों के रूप में दिए गए ऑप्शन गलत होना इसका कारण बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक बोर्ड ने जिन विषयों में ग्रेस अंक दिए जाने की बात कही उन सीरीज में पूछे गए कुछ प्रश्नों के उत्तरों के रूप में जो ऑप्शन दिए गए हैं वे उत्तरों से मैच ही नहीं हो रहे हैं जिस कारण इन विषयों में ग्रेस अंक दिए जाएंगे। 


 इसके अलावा बोर्ड द्वारा वैबसाइट पर अपलोड की गई अस्थायी उत्तर कुंजी पर दर्ज उत्तरों के संबंध में आपत्ति प्रमाणित तथ्यों सहित परीक्षार्थी 6 जनवरी तक मेल भेज सकते हैं। दस्ती तौर पर भी आपत्ति जमा करवाई जाएगी। बोर्ड ने एक्सपर्ट टीम गठित कर दी है। इस टीम से आपत्तियों का विश्लेष्ण करवाया जाएगा। इसके बाद ही आपत्तियों पर निर्णय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। 

स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा 8 विषयों की अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में 12 से 15 दिसम्बर के बीच किया गया था। 


 कुछ प्रश्नों के उत्तर के रूप में जो ऑप्शन दिए गए थे वे उत्तरों से मैच नहीं कर रहे थे जिस कारण परीक्षार्थियों को ग्रेसअंक दिए जाएंगे। 6 जनवरी तक आपत्तियां मांगी गई हैं। एक्सपर्ट टीम द्वारा आपत्तियों का विश्लेषण करवाया जाएगा। -डा. सुरेश कुमार सोनी, अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड

आइजीएमसी में भरे जाएंगे 176 पद , सरकार ने दी स्वीकृति

प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में विभिन्न श्रेणियों के 178 पद भरने के लिए सरकार ने स्वीकृति दे दी है।


 इनमें अस्पताल में सफाई कर्मियों के 37, वार्ड ब्वॉय के 13, सुरक्षा कर्मियों के 13, लैब तकनीशियन के आठ, चतुर्थ श्रेणी कर्मी के 40, कुक के तीन, स्टाफ नर्सी के 60 और डाटा एंट्री ऑपरेटर के दो पद भरे जाएंगे।


 इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शिमला में कोरोना के शुरुआती दौर से लेकर अब तक गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज से लेकर उनकी ओपीडी और टेस्टिंग का दौर जारी है। कोरोना से निपटने के साथ अस्पताल प्रशासन ने अन्य बीमारियों से संबंधित ओपीडी और इलाज की प्रक्रिया जारी रखी।



 इसी बीच अभी तक अस्पताल के करीब 358 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसमें डाक्टरों से लेकर नर्से. पैरामेडिकल स्टाफ व चतुर्थ श्रेणी स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए। पॉजिटिव होने के बाद कर्मियों को 10 दिन क्वारंटाइन रहकर व स्वस्थ होकर ड्यूटी पर लौटना होता है।

 

एचपीयू की पीजी परीक्षाएं फरवरी में

 

एचपीयू में पोस्ट ग्रेजुएट करने वाले छात्रों की परीक्षा अब फरवरी माह में आयोजित होगी। इससे पहले नवंबर में ये परीक्षाएं आयोजित हो जाती थीं, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में चल रहे पीजी कोर्सेज के पहले, तीसरे व पांचवे सेमेस्टर की परीक्षाएं फरवरी माह से शुरू करने की तैयारी है।


 कोरोना महामारी के कारण इस बार ये परीक्षाएं देरी से शुरू हो रही हैं। पूर्व में जहां इन सेमेस्टर की परीक्षाएं नवंबर माह में शुरू हो जाती थीं, लेकिन इस बार परीक्षाओं के आयोजन में देरी हुई है। इन परीक्षाओं के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय जल्द अधिसूचना जारी करेगा। 


 सूचना के अनुसार इन परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया 15 जनवरी के बाद शुरू होगी। वर्तमान स्नातक स्तर की प्रथम, तृतीय व 5वें सेमेस्टर रैगुलर/रिअपेयर परीक्षाओं के दृष्टिगत परीक्षा फार्म भरने कीप्रक्रिया चल रही है और 15 जनवरी तक यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन स्नातकोत्तर कोर्सेज की परीक्षाओं के लिए परीक्षा फार्म भरने के लिए आवेदन मांगेगा। 



 ऑनलाइन आवेदन फार्म भरे जाने के बाद विश्वविद्यालय इन परीक्षाओं की डेटशीट जारी करेगा। कोरोना महामारी के कारण इस बार शैक्षणिक सत्र देरी से शुरू हुआ। इस वजह से नवंबर-दिसंबर में पी.जी. कोर्सेज की प्रथम, तृतीय व पांचवें सैमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित नहीं हो पाई और उस समय प्रवेश प्रक्रिया चल रही थी। 


आमतौर पर प्रवेश प्रक्रिया जून-जुलाई में पूरी हो जाती थी, लेकिन इस बार इसमें काफी देरी हुई । स्नातक स्तर के छात्रों के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 15 जनवरी निर्धारित की है। इसके बाद विश्वविद्यालय पी.जी. कोर्सेज की परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरने भरवाएगा।

जेबीटी की बैचवाईज भर्ती में पंचायत चुनावों के चलते देरी

 

जेबीटी की बेचवाइज भर्ती में पंचायत चुनाव के चलते देरी शिमला। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जेबीटी के 1225 पद भरने को मंजूरी मिलने के बाद भी अब पंचायत चुनाव के चलते अब इसमें देरी होगी।


 शिक्षा विभाग ने हालांकि इन पदों को भरने की प्रकिया भी शुरु कर दी है और इसमें अब डिप्टी डायरेक्टर से जिलावार डाटा मांगा गया है। जिला स्तर पर भी भर्ती के लिए अभ्यर्थियों का डाटा रोजगार कार्यालय से वेरिफाई किया जा रहा है।



 शिक्षा विभाग का कहना है कि 90 फीसदी शिक्षक चुनावी डयूटी में व्यस्त है ऐसे में इसमें देरी हो सकती है। गौर रहे कि प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला अधिकारियों को बैचवाइज भर्ती के लिए काउंसलिंग शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। 



इन पदों में 758 पद बैचवाइज और 467 पद कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से भरे जाएंगे। भर्ती में डीएलएड करने वालों को बैचवाइज भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर के हस्तक्षेप के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने लिखित आदेश जारी किए थे। एनसीटीई ने बीएड को भी जेबीटी भर्ती के लिए पात्र माना है। 



आरएंडपी नियमों के तहत जेबीटी करने वालों को भर्ती में शामिल किया जाता है। ऐसे में इस भर्ती को लेकर दुविधा में फंसी सरकार ने कानूनी राय लेने के बाद डीएलएड को प्राथमिकता देने का फैसला लिया था।

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